उत्तर प्रदेश के चर्चित पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। सोशल मीडिया पर अमिताभ ठाकुर का एक पोस्ट पूरी तरह से निराधार साबित हुआ। पूर्व आईपीएस ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा कि एसपी वाराणसी (Varanasi) का दावा है कि कोरोना के इलाज में छिलका सहित कच्चा आम बहुत लाभप्रद है। उनके इस ट्वीट की सच्चाई कुछ और ही निकली।
दरअसल, वाराणसी पुलिस के ई-मेल अकाउंट पर vinkey india नाम से 4 मई को एक मेल आया था, जिसमें लिखा था कि कोरोना काल में छिलका सहित कच्चा आम बहुत लाभप्रद है। ई-मेल पर प्राप्त हर प्रार्थना पत्रों की तरह इस पत्र को भी पुलिस टीम द्वारा प्रिंट निकाला गया और एसपी को इसे भेजा गया ताकि प्रार्थना पत्र की गम्भीरता कायम रहे।
इसी पत्र को ट्वीट करते हुए अमिताभ ठाकुर ने लिखा कि बनारस के एसपी का दावा है कि कोरोना के इलाज में छिलका सहित कच्चा आम बहुत लाभप्रद। इसके बाद उन्होंने लिखा ईश्वर जाने कितना सही कितना गलत, यह अवश्य है कि कोरोना ने हम सभी को डॉक्टर बना दिया है। इसे लेकर जब वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश से सवाल किया गया तो बताया कि हम ई- मेल पर आए सभी प्रार्थना पत्र को देखते हैं ताकि जनता का विश्वास बना रहे।
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि बिना पढ़े हमे कैसे मालूम पड़ेगा कि पीड़ित व्यक्ति या प्रार्थना देने वाले ने क्या लिखा है। वो अपनी परेशानी बता रहा है या हमें संदेश दे रहा है। उन्होंने बताया कि इस प्रार्थना पत्र को भी हमने पढ़ा, लेकिन अब तो ये भेजने वाले कि समझ की बात है कि वो हमें क्या भेजता है। लेकिन पुलिस टीम या एसपी बनारस द्वारा ऐसा कोई भी दावा नहीं किया गया है। ऐसे में अमिताभ ठाकुर द्वारा किया गया पोस्ट पूरी तरह से फेक साबित हुआ हैं।
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