उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में स्कूली बच्चों से साफ-सफाई कराने के आरोपों से घिरीं इंस्पेक्टर सासनीगेट अरुणा राय पर अब फरियाद लेकर आने वालों से चाकरी कराने के आरोप लगे हैं। एक दलित महिला का कहना है कि बेटी के ससुराल वालों की गिरफ्तारी के लिए वह फरियाद लेकर थाने आई, लेकिन इंस्पेक्टर अरुणा राय ने उसे अपने घर में महीने भर तक चौका-बर्तन करवाया। वहीं, मामले की जानकारी मिलने के बाद आलाधिकारियों में हड़कंप मच गया है। एसपी सिटी मामले की जांच कर रहे है।
जातिसूचक शब्द बोलकर किया अपमानित
सूत्रों ने बताया कि सासनीगेट के मुहल्ला अनारकली की महिला का कहना है कि वह बतौर एसपीओ पुलिस महकमे की सेवा कर रही है। उसकी बेटी ने ससुरालियों के खिलाफ दहेज उत्पीडऩ, मारपीट, छेड़छाड़, कुकर्म की धाराओं में मुकदमा 17 अगस्त को दर्ज कराया था। महिला का कहना है कि पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही और न ही बेटी के कोर्ट में बयान कराए।
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महिला ने बताया कि जब वह थाने पहुंची तो इंस्पेक्टर अरुणा राय ने उसे अपने घर के कामों में लगा दिया। महिला का आरोप है कि इंस्पेक्टर सासनीगेट ने उनसे झाड़ू, पोछा और कपड़े धुलवाए तक के काम करवाए। महिला ने बताया है कि उसने एक महीने तक इंस्पेक्टर के घर पर काम किया है। इस दौरान जब उसने अपनी बेटी के ससुराल वालों पर कार्रवाई की बात कही तो उसे जातिशूचक शब्द बोलकर अपमानित किया गया।
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डीआईजी के सामने पेश की गई बाचतीच की रिकॉर्डिंग
सूत्रों ने बताया है कि दोनों के बीच की बातचीत का ऑडियो डीआईजी के सामने पेश किया गया है। मामले की जांच एसपी सिटी को सौंपी गई है। साथ ही मामला सामने आने के बाद बुधवार को महिला का बयान दर्ज किया गया है। वहीं, अपने ऊपर लगे आरोप से इंस्पेक्टर अरुणा राय ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि सारे आरोप निराधार हैं। फिलहाल, मामले की जांच की जा रही है।
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