उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने सोमवार को डॉ. भीमराव आंबेडकर परिनिर्वाण दिवस पर महासभा परिसर में आयोजित समारोह में मौजूद लोगों को संबोधित किया। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि यूपी सरकार राजधानी लखनऊ में एक भव्य स्मारक व सांस्कृतिक केंद्र बनवाकर बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर को समर्पित करेगी। उन्होंने कहा कि हम डॉ. भीमराव आंबेडकर पर शोध करने वाले शोधार्थियों के रहने व उनके स्कॉलरशिप की भी व्यवस्था करेंगे। छात्रों को छात्रावास की सुविधा मिलने के साथ ही प्रेक्षागृह व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। पुस्तकालय की सुविधा भी होगी।
सीएम योगी ने कहा कि पूर्व सरकारों में बाबा साहब पर गलत टिप्पणियां होती थीं, आज वह लोग अपने कृत्यों की सजा भुगत रहे हैं। 68 लाख छात्रों की छात्रवृत्ति रोकने का काम भी पिछली सरकार में किया गया। हमारी सरकार में 22 लाख लोगों को उनके घरों पर कब्जे दिए जा चुके हैं। पूर्व की सरकारों ने इन्हें बेदखल करने का काम किया था।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने भीमराव आंबेडकर से जुड़े हुए पांच तीर्थ स्थलों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित किया। बाबा साहब के प्रति यह सम्मान का भाव ही है कि पूरा देश 26 नवंबर की तिथि को बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के प्रति अपनी श्रद्धा को व्यक्त करने के लिए ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाता है।
सीएम योगी ने कहा कि एक समतामूलक समाज की स्थापना किए बगैर एक सशक्त और समर्थ भारत की परिकल्पना बेमानी होगी। प्रधानमंत्री ने हमेशा ने इस पर ध्यान दिया और सरकार ने कार्य भी किया। संविधान केवल एक पुस्तिका या ग्रन्थ नहीं, बल्कि भारत को क्या चाहिए और अनंतकाल तक भारत को कैसे यह संविधान आगे बढ़ाएगा उसको उन्होंने केवल तीन शब्दों के आधार पर सब कुछ कह दिया। बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी ने इस देश को एक संविधान दिया। ‘स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व’ इस संविधान का आदर्श है।