उत्तर प्रदेश विधानसभा (UP Assembly) की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है। बसपा नेता पिंटू सेंगर हत्याकांड (Pintu Sengar Murder Case) का मुख्य आरोपी गैंगस्टर महफूज अख्तर (Gangster Mahfooz Akthar) तीन दिन पहले लखनऊ स्थित विधानसभा में अति सुरक्षित वेल तक जा पहुंचा। यही नहीं, उसने कानपुर नगर से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के तीनों विधायकों के साथ फोटो भी खिंचाई, जिसे उसने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किया। हालांकि, मामला तूल पकड़ने के बाद पोस्ट हटा दी गई।
महफूज अख्तर पर दर्ज हैं डेढ़ दर्जन मुकदमे
जानकारी के अनुसार, बसपा नेता पिंटू सेंगर की 20 जून 2020 को चकेरी क्षेत्र में दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें कुख्यात गैंगस्टर महफूज अख्तर भी शामिल था। उसे इस शर्त पर बेल मिली है कि केस का निपटारा होने तक वह कानपुर में कदम नहीं रखेगा। महफूज अख्तर पर हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी, मारपीट और जमीनों पर कब्जे के डेढ़ दर्जन मुकदमे दर्ज हैं।
सपा विधायकों संग विधानसभा की वेल में खिंचाई फोटो
चकेरी के अलावा उस पर उन्नाव में भी गैंगस्टर लगा है। सोमवार की शाम पहली बार कैंट सीट से जीतकर सपा विधायक बने मो. हसन रूमी और महफूज अख्तर की फेसबुक पेज पर कुछ फोटो पोस्ट किए गए, जिसमें महफूज अख्तर कानपुर नगर से जीते तीनों सपा विधायकों अमिताभ बाजपेयी, इरफान सोलंकी व मो. हसन रूमी के साथ नजर आ रहा है। फोटो विधानसभा की वेल में खींची गई थी।
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फोटो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद मो. हसन रूमी और महफूज अख्तर दोनों ने ही पोस्ट डिलीट कर दी। लेकिन अब सवाल उठ रहे हैं कि इस गैंगस्टर को विधानसभा में कौन लेकर गया? वह किस मकसद से वहां गया? बता दें कि महफूज अख्तर के संबंध बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी से भी हैं। पुलिस ने पिंटू सेंगर हत्याकांड को लेकर जो रिपोर्ट तैयार की है, उसमें इसका जिक्र है। महफूज के भाई सऊद की बेटी की शादी मुख्तार के चचेरे भाई के बेटे से हुई है।
सपा विधायकों ने मामले में दी सफाई
इस मामले में सपा विधायक मोहम्मद हसन रूमी ने कहा कि सपा नेता होने के नाते महफूज से पुरानी जान पहचान है। वह विधानसभा में पहले से था। उसे कौन लाया, नहीं पता। उसने हमारे साथ फोटो खिंचवाई। हमने भी फोटो डाली, लेकिन जब गलती का एहसास हुआ तो पोस्ट डिलीट कर दी। वहीं, सपा एमएलए इरफान सोलंकी ने कहा कि महफूज पहले से वहां पर था। हम अंदर जा रहे थे तो वह साथ हो लिया। जब महफूज के आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी हुई तो लगा गलती हो गई। यहां जांच का विषय है कि वह वहां कैसे पहुंच गया।
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उधर, सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी ने कहा कि मैं नहीं जानता कि वह कौन है। अन्य साथियों के साथ यह भी खड़ा हो गया। जनप्रतिनिधि हूं, तमाम लोग फोटो खिंचवाते हैं। मेरा महफूज से कोई लेनादेना नहीं है।
सर्वदलीय बैठक में रखा जाएगा मामला
विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने कहा कि जब भी कोई विधायक किसी व्यक्ति को लेकर विधान भवन आता है और मार्शल से कहता है कि उसके विधानसभा क्षेत्र का है और वह विधानसभा मंडप देखना चाहता है तो अंदर जाने की अनुमति दे दी जाती है। जब मार्शल को मालूम हुआ कि सपा विधायकों के साथ आया व्यक्ति आपराधिक छवि का था, तो आपत्ति भी जताई।
उन्होंने बताया कि मार्शल को सख्त हिदायत दी है कि किसी विधायक के साथ आए व्यक्ति का बिना आधार कार्ड चेक किए और पूरी मालूमात किए बगैर अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मामले को सर्वदलीय बैठक में भी रखा जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो।