UP: मनमानी वसूली पर नकेल, डोनेशन लिया तो खत्म हो जाएगी संस्था की मान्यता

प्रदेश में लगातार फार्मेसी में प्रवेश के नाम पर हो रही मनमानी वसूली पर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने कड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि, प्रवेश के नाम पर डोनेशन लेने वाली संस्थाओं की मान्यता रद्द होगी, साथ ही उन्हें काली सूची में भी दाल दिया जाएगा. इस पर नजर रखने के लिए जिले की सरकारी संस्था को नोडल संस्था बनाने का प्रस्ताव है. ख़बरों के अनुसार, संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की ओर से फार्मेसी समेत अन्य 58 डिप्लोमा में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही नई गाइड लाइन को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है.

 

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गौरतलब है कि, डिप्लोमा इन फार्मेसी में प्रवेश को लेकर काफी मारामारी होती है, ऐसे में इसका फायदा निजी संस्थाएं उठाने लगी हैं. संस्थाएं प्रवेश के लिए फीस के अतिरिक्त एक से डेढ़ लाख रुपये का डोनेशन लेती हैं. प्रदेश में 264 निजी संस्थाओं के सापेक्ष मात्र पांच सरकारी संस्थाएं हैं, जहां उच्च रैंक वाले विद्यार्थियों का ही प्रवेश होता है. इसकी वजह से निजी संस्थाओं की मनमानी बढ़ जाती है. संस्थाएं छात्रों से डोनेशन के नाम पर मनमानी वसूली करती हैं.

 

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काउंसिलिंग में हिस्सा लेते हैं पांच गुना अभ्यर्थी

 

गौरतलब है की प्रदेश में 184 नई संस्थाएं खुलने से कुल संस्थाओं की संख्या 264 पहुंच गई जिनमें कुल सीट 15,840 सीटें हैं. इन 15,840 सीटों के मुकाबले चार से पांच गुना अभ्यर्थी काउंसिलिंग में हिस्सा लेते हैं. सीटों के मुकाबले प्रवेश लेने वालों की संख्या अधिक होने के कारण निजी संस्थाएं इसका फायदा उठाती हैं. संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के सचिव एफआर खान ने बताया कि निजी संस्थाओं के मानक के अनुरूप फीस का निर्धारण किया गया है. अतिरिक्त फीस लेने या डोनेशन के नाम पर अतिरिक्त वसूली की गई तो संस्थान की मान्यता रद कर दी जाएगी.

 

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