बीते दिनों राजस्थान (Rajasthan) के करौली के बाद अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जनपद जोधपुर (Jodhpur) में दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प की घटना सामने आई है। पूरा मामला जालौरी गेट (Jalori Gate) का है, जहां जोधपुर की सबसे बड़ी मस्जिद है। यहां देर रात कुछ मुस्लिम युवक चौराहे पर अपना झंडा लगा रहे थे। इस दौरान दूसरे पक्ष के लोगों ने विरोध किया तो मारपीट शुरू हो गई और देखते ही देखते पत्थरबाजी होने लगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए इलाके में इंटरनेट सेवा रोक दी गई है। करीब 10 थानों की पुलिस समेत आएएसी जवान तैनात किए गए हैं। घटना में 1 दर्जन से ज्यादा लोगों के घायल होने की बात सामने आई है।
आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज
रात में हिंसक झड़प के बाद सुबह भी नमाज के बाद छड़प हुई है। हिंसा की आग विधायक के घर तक जा पहुंची है। बीजेपी विधायक सूर्यकांत व्यास के घर के बाहर उपद्रवियों ने बाइकों आग लगा दी। पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है। इससे पहले सुबह दोबारा पथराव की खबरें सामने आई थीं। पुलिस ने इससे निपटने के लिए लाठीचार्ज भी किया और आंसू गैस के गोल भी दागे। पूरा हंगामा सोमवार की रात यानी ईद की पूर्व संध्या से शुरू हुआ था।
यह ना अफगानिस्तान की तस्वीर हैं , यह ना पाकिस्तान की हैं, यह नाकारा कांग्रेस शासित राजस्थान की तस्वीरें हैं, उन्मादी भीड़ को हिंसा पसंद है क्योंकि हिंसा नाकारा अशोक गहलोत को पसंद है.#ashokgehlot51 #JodhpurViolence pic.twitter.com/mIqtHXwENh
— Yogita Singh (@yogitasinghbjp) May 3, 2022
राजस्थान को बना दिया तालिबान
उधर, सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर ने राजस्थान सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार एक समुदाय को खुश करने की कोशिश करती है। राजस्थान को तालिबान बना दिया है और सरकार औरंगजेबी फैसले लेती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत के साथ गृहमंत्री भी हैं, उनको भी इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी।
जोधपुर मेयर वनीत सेठ का आरोप
वहीं, जोधपुर पश्चिम की मेयर वनीता सेठ ने बताया कि जालौरी गेट पर 11:30-12:00 बजे के करीब मुसलमान ईद के हिसाब से अपने झंडे लगा रहे थे। इससे पहले परशुराम जयंती थी वहां उसके झंडे लगे हुए थे। पुलिस ने आकर कहा कि आज उनका त्योहार है, तो कुछ पत्रकारों ने और वहाँ के लोगों ने खुद से उन (भगवा) झंडों को हटा दिया। सिर्फ एक झंडा रहने दिया गया जो कि स्वतंत्रता सेनानी बिस्सा जी के ऊपर था।
उन्होंने बताया कि रात को मुसलमान लड़के आए तो उन्होंने बिस्सा जी की मूर्ति के ऊपर टेप चिपका दी और अपना इस्लामी झंडा लगाने लगे तब वहाँ दूसरे पक्ष ने मना किया कि बाकी जो करना है करो, लेकिन ये सब क्या कर रहे हो। इस पर उन लोगों ने पाकिस्तान के और अल्लाह-हू-अकबर नारे लगाए और सवाल पूछने पर पत्थरबाजी होने लगी। दूसरे पक्ष के लोग भी जुटे लेकिन तभी मुस्लिम बस्ती से 200-300 लोग आ गए। पुलिस ने उन्हें हटाने की बजाय लाठी चार्ज किया जिसमें कई लोग घायल हुए। इसके बाद बैरिकेडिंग की गई।
मेयर बोलीं- उनपर भी चलाई गई लाठी
मेयर का आरोप है कि उनके ऊपर भी लाठी चलाई गई। जब उन्होंने इस बाबत सवाल पूछे तो कहा गया कि उन्हें जयपुर से ऑर्डर हैं। दूसरी ओर एसीपी ने भी उन्हें उलटा जवाब दिया कि वो यहीं नौकरी करेंगी कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। मेयर के अनुसार अभी तक इस संबंध में शिकायत नहीं दी गई है क्योंकि दोनों समुदायों के त्योहार हैं।
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