यूपी के ललितपुर जिले में किशोरी से दुष्कर्म मामले में कार्रवाई और तेजी से होने लगी है. दरअसल, इस मामले में जिस कमरे में इंस्पेक्टर ने किशोरी के साथ कथित रूप से दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था, लखनऊ और झांसी से आई फॉरेंसिक टीम ने उसका बारीकी से निरीक्षण कर साक्ष्य एकत्रित किए हैं. जांच के दौरान टीमों ने कई सामानों के जमा करते हुए परीक्षण के लिए भेजा. मामले में हर पहलू की जांच की जा रही है. जानकारी तो यह भी मिल रही है कि पुलिस पीड़िता का डीएनए टेस्ट कराने की भी तैयारी में है.
कई सामान भेजे गए फॉरेंसिक लैब
जानकारी के मुताबिक, थाने में किशोरी के साथ कथित दुष्कर्म के मामले की फॉरेंसिक जांच के लिए गुरुवार को लखनऊ-झांसी से टीम ललितपुर पहुंची थी. इन टीमों ने पाली थाने पहुंचकर जांच पड़ताल शुरू की. इस दौरान आरोपी इंस्पेक्टर को भी थाने बुलाया गया, जिसकी निशानदेही पर जिस कमरे में दुष्कर्म किया गया, वहां से सैंपल लिए गए. टीम ने कमरे में बेडशीट चादर और कुछ अन्य कपड़ों को फॉरेंसिक लैब भेजा है. इसके अलावा थाने के बाहर चाय की दुकान की पटिया से भी सैंपल लिए गए. इस दौरान एडीजी कानपुर जोन कानपुर भानु भाष्कर, डीआईजी ने भी मौके पर पहुंचकर घटना का निरीक्षण किया.
ये था पूरा मामला
गौरतलब है कि, पाली थाना क्षेत्र अंतर्गत रहने वाली एक 13 वर्षीय किशोरी को उसके ही गांव में रहने वाले 4 लड़के 22 अप्रैल को बहला फुसलाकर भोपाल ले गये, जहां जाकर उसके साथ तीन दिनों तक सामूहिक रेप की घटना को अंजाम दिया गया. तीन दिन बाद चारों आरोपियों ने नाबालिग किशोरी को पाली थाने में पहुंचाकर थाना इंचार्ज के सुपुर्द कर फरार हो गये थे. इसके बाद थाना इंचार्ज पाली ने नाबालिग पीड़ित को उसकी मौसी के साथ चाइल्ड लाइन भेज दिया.
दो दिन बाद उसे थाने में बुलाया गया, जहां पाली थाना इंचार्ज ने बयान लेने के बहाने नाबालिग किशोरी को एक कमरे में ले जाकर बलात्कार की घटना को अंजाम दिया. नाबालिग किशोरी को उसकी मौसी के साथ चाइल्ड लाईन भेज दिया गया, जहां बच्ची ने काउंसलिंग के दौरान अपने साथ हुई पूरी घटना को बताया. जिसके बाद कार्रवाई का सिलसिला शुरू हुआ.
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