‘वो विकास दुबे था, मैं आरके दुबे हूं, दारोगा को हटाओ वरना कोई जिंदा नहीं बचेगा’, कहकर कानपुर पुलिस पर बरसाईं 40 राउंड गोलियां

कानपुर जिले में फिर से एक बार बिकरू कांड दोहराने का प्रयास किया गया है. दरअसल, मामला चकेरी का है, जहां आपसी विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस पर आरोपी ने गोलियां बरसा दीं. खबरों की माने तो आरोपी ने पुलिस टीम पर एक साथ 40 गोलियां बरसाईं. गोलियों की इस बरसात की वजह से पुलिसकर्मी जान बचाने को इधर से उधर भागते रहे. दिन-दहाड़े पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग से चर्चित बिकरू कांड की यादें फिर से ताजा हो गईं. हालांकु कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. उसे गिरफ्तार करने के बाद श्याम नगर चौकी प्रभारी की तहरीर पर हत्या के प्रयास और 7 सीएलए समेत कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.

ये था मामला

जानकारी के मुताबिक, कानपुर के चकेरी के श्याम नगर में रहने वाले 56 वर्षीय राजकुमार दुबे शेयर कारोबारी हैं. रविवार की दोपहर घरेलू विवाद से आजिज आने के बाद बेटे सिद्धार्थ और बहू भावना को कमरे में बंद कर दिया था. दंपती ने किसी तरह पुलिस को सूचना दी तो चौकी इंचार्ज पुलिस टीम लेकर पहुंच गए थे. इसपर छत से राजकुमार दुबे ने फायर कर दिया था. चौकी इंचार्ज की सूचना पर पुलिस अफसरों के साथ फोर्स भी तत्काल पहुंच गई. यह देखते ही रामकुमार दुबे ने छत से गोलियां बरसानी शुरूकर दी.

इस दौरान पुलिस अफसर लगातार लाउड स्पीकर से अनाउंसमेंट करके उसे सरेंडर करने के लिए कह रहे थे. बावजूद इसके आरोपी लगातार गोलियों की बौछार करता रहा. एक पुलिस की टीम बचकर घर के अंदर घुसने का प्रयास कर रही थीं. सबसे पहले आरोपी ने चौकी की जीप पर दो फायर किए. थाना प्रभारी की गाड़ी आने पर उसपर भी फायर झोंका तो छर्रे बोलेरो की छत फाड़ते चालक की तरफ दरवाजे से बाहर निकल गए. इस फायरिंग में चालक आरबी सिंह बाल-बाल बचा.

लगभग की गई 30 से 40 राउंड फायरिंग

चौकी में तैनात द्वितीय प्रभारी दारोगा हिमांशु त्यागी के दाहिने बाजू, कांस्टेबल रामरतन के दाहिने हाथ की अंगुली और होमगार्ड अश्वनी कुमार छर्रे लगने से घायल हो गए. डीसीपी पूर्वी प्रमोद कुमार सिंह ने बताया, 30 से 40 राउंड फायरिंग की गई.

‘कोई जिंदा नहीं लौटेगा’

पुलिसकर्मियों की मानें तो छत से पुलिस पर दोनाली बंदूक से फायरिंग करते हुए शेयर कारोबारी चिल्लाता रहा- ध्यान रखना वो विकास दुबे था तो मैं राजकुमार दुबे हूं. उससे कम नहीं हूं. इस दारोगा (हिमांशु) को यहां से हटाओ और तुम लोग भी चले जाओ नहीं तो कोई जिंदा नहीं लौटेगा. हर ओर सिर्फ लाशें ही नजर आएंगी. तुम एक फायर करोगे तो मैं एक साथ दो करूंगा.

इस मामले की खबर मिलते ही डीसीपी पूर्वी प्रमोद कुमार सिंह पुलिस फोर्स और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के साथ पहुंचे तो भी शेयर कारोबारी फायरिंग करता रहा था. दो घंटे मशक्कत के बाद समझाकर पुलिस ने पहले बंदूक कब्जे में ली, फिर राजकुमार को गिरफ्तार करके उसके बेटे-बहू को बाहर निकाला.

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