अयोध्या: दीपोत्सव पर होंगे पहली बार राम मंदिर के दर्शन, जानें कैसे ?

 

इस बार का अयोध्या का दीपोत्सव बेहद खास होने वाला है। दरअसल, ये साल योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला दीपोत्सव होगा। ऐसे में शासन प्रशासन के लोग इसे खास बनाने में जुटे हुए हैं। दीपोत्सव इस बार फिर अन्तरराष्ट्रीय फलक पर चमकेगा। दीपावली से चार दिन पहले से यहां सात देशों की रामलीलाओं का मंचन होगा। इसके साथ ही मुख्य झांकियों में दो नई झांकियों को शामिल किया गया है। ऐसा पहली बार होने जा रहा है। इसके पहले दीपोत्सव में दो या तीन देशों की रामलीलाओं का मंचन हो चुका है।

जानें क्या होगा खास ?

जानकारी के मुताबिक, दीपोत्सव को भव्य बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। इसी क्रम में सूचना विभाग अयोध्या में निकलने वाली पारंपरिक झांकी के लिए विशेष तैयारियां कर रहा है। साकेत महाविद्यालय से निकलकर दीपोत्सव स्थल तक जाने वाली झांकी की तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है। दरअसल, दीपोत्सव में भगवान राम के जीवन पर आधारित झांकियां आकर्षण का केंद्र होती हैं।

इसमें प्रमुख रूप से श्रीराम के जन्म, शिक्षा ग्रहण, वन गमन, लंका पर चढ़ाई, रावण वध, वनवास से लौटने पर राज्याभिषेक की झांकियां प्रमुख होती हैं। इस बार सूचना विभाग ने राम नगरी की सड़कों पर दीपोत्सव के दौरान निकलने वाली 11 पारंपरिक झांकियों के अलावा दो अन्य झांकियों को भी शामिल किया है। ताकि इसे और भव्य बनाया जा सके।

सूचना विभाग के निदेशक ने दी जानकारी

इस भव्य कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए सूचना विभाग के निदेशक डॉ. मुरलीधर ने बताया कि इस बार का दीपोत्सव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल का पहला और कुल छठा दीपोत्सव है। इसमें मुख्य तौर पर 11 झांकियां साकेत महाविद्यालय से निकलकर दीपोत्सव स्थल राम कथा पार्क तक जाएंगी। चूंकि यहां भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है तो रामलला के मंदिर की झांकी और 2047 में अयोध्या के विकास को लेकर बनाए गए विजन डॉक्यूमेंट की झांकी भी शामिल की गई है. यह सभी के लिए आकर्षण का केंद्र होगी।

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