पीएम नरेंद्र मोदी को दक्षिण कोरिया में सियोल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया. पीएम मोदी यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय हैं. पीएम मोदी को उनकी आर्थिक नीतियों, ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और विकासोन्मुखी कार्यों के लिए यह सम्मान दिया गया है. पीएम मोदी ने इसे 130 करोड़ भारतीयों का सम्मान बताया है. पीएम मोदी से पहले यह पुरस्कार संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिवों कोफी अन्नान और बान की-मून को भी मिल चुका है.
पुरस्कार ग्रहण करने के बाद पीएम मोदी ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के भारतीय दर्शन का भी जिक्र किया और कहा कि इसके तहत पूरी दुनिया को एक परिवार के तौर पर देखा जाता है. उन्होंने कहा कि यह अवॉर्ड व्यक्तिगत तौर पर उनके लिए नहीं, बल्कि पूरे देश और पिछले 5 साल में अर्जित इसकी सफलता के लिए है, जिसमें 130 करोड़ लोगों का योगदान है.
पीएम ने कहा कि मैं मानता हूं कि यह पुरस्कार सिर्फ मेरा नहीं है, भारत की जनता का है. भारत ने पिछले पांच साल में जो सफलता हासिल की है वह देश की जनता के उम्मीदों, उनकी प्रेरणा और उनकी कोशिशों का नतीजा है. मैं अपने देश की जनता की तरफ से यह सम्मान ग्रहण कर रहा हूं. मैं इस अवॉर्ड को अपने देश की सवा सौ करोड़ जनता को समर्पित करता हूं कि उन्होंने मुझे अपनी सेवा करने का अवसर दिया. यह मेरे लिए गर्व की बात है कि यह अवॉर्ड महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष में मुझे यह सम्मान दिया जा रहा है.
पीएम मोदी ने कहा है कि वह पुरस्कार में मिली एक करोड़ से ज्यादा की राशि को नमामि गंगे परियोजना को समर्पित कर देंगे. उन्होंने कहा कि हम गांधी जी की शिक्षा पर आगे बढ़ रहे हैं.
भारत का आर्थिक विकास दुनिया के लिए बेहतर है.
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