सपा राज में था फ़तवा देने वाले मौलाना अनवारुल का जलवा, सिमी कनेक्शन, महिला से रेप और एसपी की वर्दी उतराने की धमकी के बाद भी पुलिस बजाती थी सलाम

हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के आरोपित बिजनौर मौलाना अनवारुल हक (Bijnor maulana Anwar Ul Haq) का दस साल का इतिहास खंगाला गया. एसआइटी ने दोनों आरोपितों को एक गोपनीय स्थान पर ले जाकर शनिवार देर रात पूछताछ शुरू की. अनवारुल हक से पूछा गया कि वह छह माह में कहां-कहां गया और किन-किन लोगों से मिला. उन लोगों की भी कुंडली खंगाली गई. इसके अलावा पुलिस मौलाना का दुबई कनेक्शन भी खंगाल रही है.


अनवारुल हक का इतिहास विवादित रहा है. सपा सरकार में वह आपत्तिजनक बयान देकर सुर्खियों में आया. बिजनौर जामा मस्जिद का इमाम रहने के कारण कई रसूखदारों से उसका संपर्क हो गया. उस वक्त देशभर के लोग उसके पास आते-जाते थे. इनमें कुछ संदिग्ध लोगों के भी मिलने आने का शक है. इसीलिए पुलिस उनका रिकार्ड खंगाल रही है. कई साल से उसके दो भाई भी सूरत में रहते हैं. एसआइटी के साथ ही पुलिस टीम यह पता लगाने में जुटी है कि मौलाना सूरत कितनी बार गया. उसके रिश्तेदारों के बारे में भी पता लगाया जा रहा है. कमलेश तिवारी हत्याकांड के तार दुबई से भी जुड़े हैं. टीम यह पता लगाने में जुटी है कि मौलाना व मुफ्ती का कोई परिचित दुबई में तो नहीं रहता.


सपा सरकार में चलता था सिक्का

अनवारुल हक (Anwarul Haq) का समाजवादी पार्टी की सरकार में सिक्का चलता था. इसका प्रमाण ये है कि कई बार भड़काऊ बयान देने के बावजूद तब पुलिस प्रशासनिक अधिकारी इसके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर पाते थे. उसकी छवि कट्टरवादी की रही है। मुस्लिमों से जुड़े मामलों में अनवारूल बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते थे. कश्मीर में सेना पर पत्थरबाजी करने वालों की हिमायत में और उन पर पैलेट गन के इस्तेमाल के विरोध में वह प्रदर्शन भी कर चुके हैं.जामा मस्जिद का इमाम होने के कारण वह खुलेआम अफसरों को भी चुनौती देता था. हालांकि 2016 में दुष्कर्म के मामले में फंसने के बाद वह अर्श से फर्श पर आ गया और वर्तमान में गुमनामी की जिंदगी जी रहा था.


सामने आया था सिमी कनेक्शन

अनवारूल हक के तीन और भाई हैं. एक भाई अकबर बिजनौर में परचून की दुकान करता है. बड़ा भाई असलम व इरफान दोनों भाई सूरत में बिस्कुट की फेरी लगाते हैं. पुलिस के मुताबिक अनवारूल हक से दोनों भाई हर बात साझा करते हैं. पुलिस को शक है कि गुजरात से गिरफ्तार लोगों के तार मौलाना अनवारूल हक के भाइयों से जुड़े हो सकते हैं. इसके अलावा 12 सितंबर 2014 को मोहल्ला जाटान में एक मकान में बम बनाते समय विस्फोट हो गया था, तब खुलासा हुआ था मुजफ्फरनगर दंगे का बदला लेने के लिए मध्यप्रदेश की खंडवा जेल से फरार सिम्मी आतंकी यहां रह रहे थे. उस समय पुलिस की जांच में यह बात सामने आई थी कि इन फरार आतंकियों से जुड़े स्थानीय लोगों का अनवारूल हक के पास आना जाना था. हालांकि तत्कालीन सरकार में उसकी पैठ के चलते पुलिस ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी.


कमलेश तिवारी की हत्या पर रखा था ईनाम

वहीं लोगों की मानें तो 2016 से पहले प्रदेश में सपा सरकार के दौरान जामा मस्जिद का इमाम बनने के बाद उसका प्रभाव बढ़ता गया और युवकों में वह काफी लोकप्रिय था. उसकी एक आवाज पर संप्रदाय विशेष के हजारों लोग इकट्ठा हो जाया करते थे. अनावरुल हक 4 दिसंबर 2015 को उस वक्त सुर्खियों में आ गया था, जब उसने कमलेश तिवारी का सिर कलम करने वाले को 51 लाख के इनाम का ऐलान किया.


2017 विस चुनाव सें सपा से था टिकट का दावेदार

मौलाना अनवारुल हक के भाषणों के खिलाफ हिंदू जन संघर्ष समिति ने जमकर प्रदर्शन किया था. समिति ने डीएम व एसपी से भड़काऊ बयान देकर माहौल खराब करने के मामले में मौलाना के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. हालांकि किसी भी अधिकारी की उन दिनों मौलाना पर हाथ डालने की हिम्मत नहीं हो सकी थी. इतना ही नहीं, उन दिनों जिले में यह भी चर्चा तेज हो गई थीं कि सपा उसे 2017 विधानसभा चुनाव में टिकट दे सकती है. हालांकि 2016 में एक महिला ने उस पर दुष्कर्म का आरोप लगाया. साथ ही उसका महिला के साथ अश्लील वीडियो वायरल हो गया. जिसके बाद उसका पतन शुरू हो गया और उसकी टिकट के लिए दावेदारी कमजोर पड़ गयी थी.


एसपी को दी थी वर्दी उतराने की धमकी

पीड़िता की तहरीर पर उस वक्त पुलिस ने महिला थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर लिया. वहीं मौलाना ने 24 मार्च 2016 को तत्कालीन एसपी उमेश कुमार श्रीवास्तव को वर्दी के स्टार उतरवाने तक की धमकी दे जाली थी. जिसके बाद उसके खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज किया गया और पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी थी. दबाव में आने के बाद अनवारुल हक ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था और वह कई महीनों तक जिला कारागार में बंद रहा. वहीं इसके बाद दुष्कर्म के मामले में समझौता होने पर वह जेल से छूट गया.


Also Read: कमलेश तिवारी की हत्या के लिए मदरसे के मौलवी ने जारी किया था ‘डेथ वारंट’, इस्लाम में काफिरों की हत्या जायज, मार दो


( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )