दर्श अमावस्या (Darsh Amavasya) को सबसे महत्वपूर्ण अमावस्या माना जाता है। वासे तो अमावस्या हर माह के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पड़ती है, लेकिन दर्श अमावस्या हर साल शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। जिस कारण से ही इसे दर्श अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस साल 14 अक्टूबर 2023, को दर्श अमावस्या है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति दर्श अमावस्या के दिन अपने पितरों को पूजते हैं। उनकी कुंडली से पितृ दोष हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है।
दर्श अमावस्या पर करें इन मंत्रों का जाप
- ॐ कुलदेवतायै नम:
- ॐ कुलदैव्यै नम:
- ॐ नागदेवतायै नम:
- ॐ पितृ देवतायै नम:
- ॐ पितृ गणाय विद्महे जगतधारिणे धीमहि तन्नो पित्रो प्रचोदयात्।
पितृ दोष मुक्ति का मंत्र: पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए दर्श अमावस्या पर इन मंत्रों का जाप करें
- ओम नमो भगवते वासुदेवाय
- ओम श्री सर्व पितृ देवताभ्यो नमो नमः
- ओम प्रथम पितृ नारायणाय नमः
दर्श अमावस्या के दिन कैसे करें पूजा?
- दर्श अमावस्या के दिन सबसे पहले प्रात:काल में उठकर गंगा स्नान या गंगा के जल से स्नान करना चाहिए।
- इसके बाद भगवान शिव और पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है। इसके साथ ही आप ॐ नमः शिवाय या ओम श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्राय नम: (चंद्र देवता का बीज मंत्र) आदि का भी जाप कर सकते हैं।
- दर्श अमावस्या के दिन तुलसी पूजन का भी विशेष महत्व होता है।
- जो लोग इस दिन चंद्र देवता का व्रत धारण करते हैं, उन्हें रात्रि के समय चंद्रमा को अर्घ्य भी देना चाहिए।
- दर्श अमावस्या के दिन हनुमान चालीसा या हनुमान जी की पूजा करने से भी विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। इससे व्यक्ति के जीवन से सारे संकट दूर हो जाते हैं।
- इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उसके चारों ओर परिक्रमा करें। इससे आपके पितृ आपसे प्रसन्न हो सकते हैं।
- किसी शिव मंदिर में जाकर या शिव जी की मूर्ति पर कच्चे दूध, दही और शहद से अभिषेक करें। साथ ही उन्हें काले तिल चढ़ाएं।
- दर्श अमावस्या के दिन भगवान शनि देव को नीले फूल चढ़ाने चाहिए। इसके साथ ही काले तिल, साबुत उड़द, कड़वा तेल, काजल और काला कपड़ा आदि भी अर्पित कर सकते हैं।
- दर्श अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए सूर्य भगवान को भी अर्घ्य दिया जाता है।
- इस दिन रुद्र, अग्नि, ब्राह्मणों आदि को उड़द, दही और पूड़ी आदि दान करने से आपको निश्चित ही फल की प्राप्ति होती है।
- अगर आपको जीवन में सफलता प्राप्त नहीं हो रही है। आपके कार्यों में काफी अड़चन आ रहीं है और कष्टों में कोई कमी नहीं आ रही है, तो आपको दर्श अमावस्या के दिन चंद्रदेवता का ध्यान अवश्य करना चाहिए। साथ ही धार्मिक कार्यों को पूर्ण निष्ठा के साथ संपन्न करना चाहिए।