उत्तर प्रदेश के अयोध्या जनपद में 22 जनवरी को जो कार्यक्रम हुआ, वो भाजपा का निजी कार्यक्रम था। यही वजह रही कि अन्य राजनीतिक पार्टियों ने इससे दूरी बनाई। अब तो कोई भी अयोध्या जा सकता है। जो भगवान के रूप में स्थापित हैं, उनके अंदर प्राण प्रतिष्ठा करने वाले हम कौन हैं। कल का कार्यक्रम धार्मिक अनुष्ठान नहीं, भाजपा का राजनीतिक ड्रामा था। ये सारी बातें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने कही हैं। इतना ही नहीं उन्होंने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर भी सवाल उठा दिए हैं।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को बताया ड्रामा
दरअसल, मंगलवार को गाजीपुर के लंका मैदान में कर्पूरी ठाकुर सेना की तरफ से एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। इस कार्यक्रम में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर का शताब्दी वर्ष जयंती समारोह मनाया गया। इसमें कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आए सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि उनका जीवन हम सबके लिए प्रेरणास्त्रोत है। कर्पूरी ठाकुर के बताए रास्ते पर चलकर ही इस मुल्क को भाजपा की तानाशही हुकूमत से छुटकारा दिला सकते हैं।
इस दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तंज भी कसा। उन्होंने कहा कि अपने परिवार में मरने वालों की लाशों में प्राण प्रतिष्ठा कर दो, वो अमर हो जाएंगे। अगर प्राण प्रतिष्ठा करने से पत्थर सजीव हो जाए, तो कोई जीवित क्यों नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि यह सब पाखंड, ढोंग और आडंबर है।
सपा नेता ने कहा कि देश में बेरोजगारी पर कोई चर्चा न करे इसलिए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह जैसे ड्रामे किए जा रहे हैं। भगवान राम की पूजा तो हजारों साल से हो रही है। हजारों साल से जिनकी पूजा लोग कर रहे हैं उनके अंदर प्राण प्रतिष्ठा की क्या जरूरत है। सत्ता में बैठे लोग अपने पाप छिपाने के लिए ऐसे ड्रामे का सहारा ले रहे हैं। अगर यह वास्तव में कोई धार्मिक आयोजन होता तो इसमें चारों शंकराचार्य भी होते।.
इससे पहले स्वामी प्रसाद ने राम मंदिर आंदोलन के दौरान कारसेवकों पर तत्कालीन यूपी सरकार द्वारा गोलियां चलवाने का बचाव करते हुए उन कारसेवकों को अराजक तत्व करार दिया था. सपा नेता ने कहा था कि तत्कालीन मुलायम सिंह सरकार ने अमन और चैन कायम रखने के लिए उस समय अराजक तत्वों पर गोलियां चलवाई थी। मुलायम सरकार ने अपना कर्तव्य निभाया था।
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