वकीलों ने अदानी के ख़िलाफ़ अमेरिकी मुक़दमों की धज्जियाँ उड़ाईं

वरिष्ठ वकीलों ने बुधवार को अमेरिका में गौतम अदानी के विरुद्ध दर्ज अभियोग को निराधार बताया। मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह मात्र “एक आरोपपत्र” है जिसमें कुछ व्यक्तियों पर किन्हीं कार्यों को अंजाम देने का का आरोप लगाया गया है तो महेश जेठमलानी ने “अधूरे साक्ष्य” पर सवाल उठाए।

यह स्पष्ट करते हुए कि वे आधिकारिक तौर पर अदानी के वकील नहीं हैं या अदानी समूह की तरफ़ से वक्तव्य नहीं रख रहे हैं, रोहतगी ने कहा कि एक वकील की हैसियत से उन्हें लगता है कि अमेरिकी अदालत द्वारा दायर इस अभियोग में पांच आरोप हैं जिनमें से पहला और पाँचवाँ आरोप शेष आरोपों से से अधिक महत्वपूर्ण हैं।

रोहतगी के अनुसार न तो 1 और न ही 5 नंबर आरोप में अदानी या उनके भतीजे पर आरोप लगाया गया है। यह एक आरोपपत्र की तरह है जिसमें चंद व्यक्तियों पर विशिष्ट कृत्यों के लिए आरोप लगाए गए हैं। 1 नंबर अदानी परिवार के दो सदस्यों को छोड़कर कुछ अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध है। इसमें कुछ अधिकारी और एक विदेशी व्यक्ति शामिल हैं।

रोहतगी के मुताबिक़ पहला आरोप यह है कि उपरयुक व्यक्तियों ने (अमेरिकी) विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम का उल्लंघन करने की साज़िश की। इसमें अदानी का नाम नहीं है।

रोहतगी ने कहा कि अदानी और अन्य का नाम प्रतिभूतियों और बांड से संबंधित मामलों में है। उन्होंने कहा कि न्याय में बाधा डालने से संबंधित आरोप संख्या 5 में अदानी और उनके अधिकारियों का नाम नहीं है।

रोहतगी के स्पष्ट किया कि अदानी और अन्य अभियुक्त इस आरोपपत्र का जवाब अपनी इच्छानुसार देंगे और वे स्टॉक एक्सचेंजों को भी जवाब देंगे। इस आरोपपत्र को देखने के बाद ये रोहतगी के निजी विचार हैं।

आगे रोहतगी ने अभियोग दस्तावेज़ के बारे में कुछ “परेशान करने वाली” बातें बताई। जब आप आरोपपत्र देखते हैं तो यह स्पष्ट रूप से कहा जाना चाहिए कि फ़लाँ व्यक्ति ने ऐसा-ऐसा काम किया है और फ़लाँ ने कुछ व्यक्तियों को रिश्वत दी है। लेकिन रोहतगी को आरोपपत्र में एक भी नाम या विवरण नहीं मिला कि किसको रिश्वत दी गई है और किस तरीक़े से दी गई है और वह किस विभाग से संबंधित है। रोहतगी ने बताया कि आरोपपत्र इन विषयों पर पूरी तरह से मौन है।

वरिष्ठ वकील ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि इस तरह के आरोपपत्र का जवाब कैसे दिया जा सकता है। लेकिन उन्हें विश्वास है कि अदानी अमेरिकी वकीलों से क़ानूनी सलाह लेंगे।

रोहतगी ने बाद में एक साक्षात्कार में कहा कि आरोप “विशिष्ट नहीं हैं”। उनके अनुसार “यह नहीं लिखा है कि किसे रिश्वत दी गई, कितनी रिश्वत दी गई और किस अनुबंध के लिए दी गई। मैं यह नहीं कह सकता कि वे बाद में और जानकारी साझा करेंगे या नहीं, लेकिन इन कागजों में रिश्वत की राशि या किसे दी गई, इसका कोई उल्लेख नहीं है।”

जेठमलानी ने भी आरोप बेबुनियाद बताए। जेठमलानी के मुताबिक़ अभियोग स्पष्ट रूप से एक षड़यंत्र है हालांकि यह अमेरिका की एक अदालत से निकला है… अभियोग की प्रकृति, अधूरे साक्ष्य और कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण परिस्थितियों को देखते हुए जेठमलानी ko यह एक साजिश प्रतीत होती है।

अमेरिकी अभियोजकों ने गौतम अदानी, उनके भतीजे सागर अदानी और कई अन्य लोगों पर भारत में सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए 2,000 करोड़ रुपये ($265 मिलियन) की रिश्वतखोरी योजना की साज़िश रचने का आरोप लगाया है। आरोपों में विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (FCPA) का उल्लंघन करने का षड़यंत्र, प्रतिभूति धोखाधड़ी और न्याय में बाधा डालना शामिल है। परिणामस्वरूप अदानी के लिए गिरफ़्तारी वारंट जारी किए गए हैं जिसमें अमेरिकी अधिकारियों ने मामले में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का अनुरोध किया है।

अदानी समूह ने अभियोग को “निराधार” बताया है और अपने संस्थापक गौतम अदानी, उनके भतीजे सागर अदानी और अदानी ग्रीन एनर्जी के सीईओ विनीत जैन के खिलाफ अमेरिकी अधिकारियों द्वारा लगाए गए रिश्वतखोरी के आरोपों को ख़ारिज कर दिया है।

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