उत्तर प्रदेश के प्रमुख नेता और जनसत्ता पार्टी लोकतांत्रिक के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Raja Bhaiya) का एक हालिया पॉडकास्ट (Podcast) चर्चा का विषय बन गया है। इस पॉडकास्ट में राजा भैया ने हिंदू धर्म के शीर्ष संत शंकराचार्यों के बयानों पर सवाल उठाए हैं और सनातन धर्म की एकता को लेकर अहम बातें साझा की हैं।
सनातन एकता यात्रा की सराहना
राजा भैया ने खासतौर पर बाबा बागेश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ‘सनातन एकता यात्रा’ की सराहना की और शंकराचार्यों द्वारा शास्त्री को ‘ढोंगी’ और ‘पाखंडी’ कहे जाने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने इस मसले पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह सनातन एकता के लिए ठीक नहीं है।
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राजा भैया ने शंकराचार्यों से अपील करते हुए कहा कि वे केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में जाकर धरने पर बैठें, जहां हिंदू समाज के खिलाफ अत्याचार की खबरें अक्सर सामने आती हैं। उनका मानना है कि अगर शंकराचार्य इन राज्यों में जाकर हिंदू समाज के मुद्दों को उठाते हैं, तो इससे न केवल हिंदू समाज का उत्साह बढ़ेगा, बल्कि एकता की भावना भी मजबूत होगी।
संभल की घटना पर जताई हैरानी
राजा भैया ने पॉडकास्ट में यह भी कहा कि हिंदू समाज को अपने मुद्दों को आम जनता तक पहुंचाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘हमें एकजुट होने के लिए कार्य करना होगा और इस बात का ध्यान रखना होगा कि हर व्यक्ति बुद्धिजीवी या परास्नातक नहीं है।’ उन्होंने यह भी कहा कि यह इतिहास के सत्य पुनर्लेखन का समय है, जहां दबाए गए मुद्दों को उजागर किया जा रहा है।
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राजा भैया ने संभल में हुई घटनाओं पर भी आश्चर्य जताया, जहां बिजली के मीटर बदलने के लिए अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि यह सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है, लेकिन स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि इसका असर प्रशासनिक कार्यों पर भी दिखने लगा है।
मुस्लिम समुदाय के लोग अपनों की नहीं करते आलोचना
राजा भैया ने हिंदू धर्म में एक मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि हमें हिंदू धर्म के लिए काम करने वाले व्यक्तियों को समर्थन देना चाहिए, न कि उन पर सवाल उठाना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, ‘मुस्लिम समुदाय में चाहे दाऊद हो या मुख्तार, कभी भी उनके धर्मगुरुओं से उनकी आलोचना नहीं सुनी गई है, जबकि हिंदू समाज में हमें अपने ही लोगों से आलोचना का सामना करना पड़ता है, जो हमारे लिए कमजोरी का कारण बनता है।’
राजा भैया ने महाकुंभ के आयोजन का जिक्र करते हुए कहा कि यह एक ऐसा मंच है, जहां पूरे भारत के सनातनी हिंदू एकत्र हो सकते हैं और अपने विचार रख सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘महाकुंभ से हिंदुत्व की आवाज़ गूंजनी चाहिए, ताकि समाज में एकता और जागरूकता फैले।’
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