संभल के DM राजेंद्र पेंसिया को प्रेमानंद महाराज ने सिखाए उत्तम अधिकारी बनने के गुर, कहा- भय-प्रलोभन से बचिए, तभी…

संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया (DM Rajendra Pensia) जो हाल ही में पुराने मंदिरों की खोजबीन को लेकर चर्चा में रहे हैं। उन्होंने वृंदावन में प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) से मुलाकात की। इस दौरान महाराज ने डीएम को उत्तम अधिकारी बनने के महत्वपूर्ण सिद्धांत बताए। उन्होंने कहा कि डर और प्रलोभन से बचते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करना ही एक आदर्श अधिकारी की पहचान है।

गीता के उपदेश से प्रेरणा

महाराज ने श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए गीता के उपदेश का उल्लेख करते हुए कहा, ‘भगवान ने हमेशा कर्तव्य को प्राथमिकता दी। अर्जुन जब संन्यास लेना चाहते थे, तो भगवान ने उन्हें धर्मयुद्ध को कर्तव्य बताते हुए लड़ने की प्रेरणा दी।’ महाराज ने कहा कि हर व्यक्ति को अपने कार्यक्षेत्र में ईमानदारी और समर्पण से काम करना चाहिए।

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सेवा का मौका कृपा से मिलता है

डीएम से वार्ता करते हुए प्रेमानंद महाराज ने कहा, ‘यह जीवन सेवा का अवसर है, जो भगवान की कृपा से मिलता है। राष्ट्र सेवा के कार्य में भय और प्रलोभन से दूर रहकर काम करने से यह सेवा भगवान की आराधना बन जाती है।’

बातचीत के दौरान महाराज ने डीएम से उनकी व्यक्तिगत जीवनशैली के बारे में भी पूछा। जब महाराज ने नशे के संबंध में सवाल किया, तो डीएम ने बताया कि वे चाय तक का सेवन नहीं करते। उन्होंने यह भी साझा किया कि उनके घर में प्रतिदिन शाम को डेढ़ घंटे गीता पाठ होता है और सुबह पूजा-पाठ का नियमित अभ्यास है।

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भय और प्रलोभन से बचने की सलाह

प्रेमानंद महाराज ने कहा, ‘जैसे हम अपने भजन और उपदेश में कोई त्रुटि नहीं होने देते, वैसे ही आप अपने कार्यक्षेत्र में भय और प्रलोभन से बचते हुए त्रुटि न करें। आपका यह प्रयास भगवान की सेवा के समान होगा और यही मनुष्य जीवन की सार्थकता है।’

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