देवरिया में गुरुवार को दिशा (जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति) की बैठक विकास भवन के गांधी सभागार में हुई। बैठक की अध्यक्षता सदर सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने की। वहीं, बैठक के दौरान भाजपा सांसद शशांक मणि और भाजपा एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह के बीच टकराव खुलकर सामने आ गया।
एनजीओ संचालक की तरह काम कर रहे सांसद
बैठक में डीएम और एसपी की अनुपस्थिति पर एमएलसी ने नाराजगी जाहिर की और इसे संसदीय परंपरा का उल्लंघन बताया। एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने आरोप लगाया कि दिशा बैठक में डीएम और एसपी की मौजूदगी अनिवार्य होती है, लेकिन सांसद शशांक मणि ने खुद उन्हें बैठक से जाने की अनुमति दे दी।
बीजेपी MLC देवेन्द्र प्रताप सिंह के अनुसार देवरिया @BJP4India सांसद @shashankmanibjp की संसदीय मूल्यों में कोई आस्था नहीं है। उनका ध्यान अपना एनजीओ चलाने पर है। @breakingtube1 @awanishvidyarth pic.twitter.com/OIYtLAuDyX
— Rajendra Dev ! राजेन्द्र देव! (@rajendradev6) March 6, 2025
उन्होंने कहा, ‘डीएम-एसपी की प्राथमिकता दिशा बैठक होनी चाहिए, न कि शराब की लॉटरी। यह जनप्रतिनिधियों का अपमान है कि बैठक के बीच में ही प्रशासनिक अधिकारी चले गए।’ एमएलसी ने सांसद पर हमला बोलते हुए कहा, ‘सांसद शशांक मणि एक एनजीओ संचालक की तरह काम कर रहे हैं, उनकी प्राथमिकता संसदीय परंपराएं नहीं, बल्कि एनजीओ है।’
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उन्होंने कहा कि संसदीय गरिमा को बनाए रखना सभी जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है, लेकिन सांसद इस परंपरा को महत्व नहीं दे रहे हैं। इस विवाद के बाद भाजपा के भीतर खींचतान और गहरी होती दिख रही है।
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