उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होली का जोश और उत्साह चरम पर है। आयोजन समितियों ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस बार विभिन्न आयोजनों में पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया जाएगा। कहीं संगम के जल का छिड़काव होगा तो कहीं पेड़ों को जल अर्पित कर हरियाली बचाने की पहल की जाएगी।
समय में हुआ बदलाव:
रमज़ान के चलते जुमे की नमाज के लिए होली के रंगोत्सव का समय कम कर दिया गया है। चौक से निकलने वाली होरियारों की बारात का समय एक घंटे घटाकर दोपहर 1 बजे तक कर दिया गया है ताकि मुस्लिम समुदाय 2 बजे जुमे की नमाज अदा कर सके।
चौक में संगम जल से होली और टेसू के रंगों की बौछार
चौक होलिका उत्सव समिति की ओर से निकलने वाली होरियारों की बारात में प्रयागराज के संगम से लाया गया जल छिड़का जाएगा। समिति के संयोजक अनुराग मिश्रा ने बताया कि होली में पारंपरिक टेसू के फूलों से बने रंगों का उपयोग किया जाएगा। यह जुलूस सुबह 10 बजे कोनेश्वर मंदिर चौराहे से शुरू होकर चौक चौराहा, विक्टोरिया स्ट्रीट, अकबरी गेट, चौक सर्राफा बाजार होते हुए मुन्नूलाल धर्मशाला पर संपन्न होगा।
चौपटिया में 51वां होली जुलूस, हर सोमवार होगा पेड़ों का जलाभिषेक
श्री शुभ संस्कार समिति का होली जुलूस इस बार 51वां वर्ष मना रहा है। इस अवसर पर समिति ने पेड़ों के जलाभिषेक का संकल्प लिया है। समिति के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत पांडेय के अनुसार, जुलूस 14 मार्च को सुबह 9 बजे कक्कड़ पार्क से शुरू होकर चौक चौराहा, खुनखुन जी रोड, हरदोई रोड होते हुए चौपटिया पहुंचेगा। समिति के महामंत्री रिद्धि किशोर ने बताया कि अब से हर सोमवार को 21 पेड़ों का जलाभिषेक किया जाएगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।