चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के दौरान भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी उस समय विवादों में आ गए थे, जब उन्हें मैच के दौरान एनर्जी ड्रिंक पीते हुए देखा गया। इस पर कुछ लोगों ने शमी पर रोजा न रखने का आरोप लगाया। एक मौलवी ने यहां तक कह दिया कि शमी इस दौरान पाप कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने रमजान के महीने में रोजा नहीं रखा था।
मौलवी का बयान
अब, उन्हीं मौलवी ने शमी की बेटी के होली मनाने को लेकर आपत्ति जताई है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि यदि शमी की बेटी समझदारी से होली खेलती है, तो यह शरीयत के खिलाफ है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यदि बच्ची बिना समझे खेल रही है, तो इसे अपराध नहीं माना जा सकता।
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शमी को शरीयत का पालन करने की सलाह
मौलाना रजवी ने शमी को एक बार फिर इस्लामिक सिद्धांतों का पालन करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले भी शमी और उनके परिवार को शरीयत के मुताबिक जीने की सलाह दी थी, लेकिन उनकी बेटी का होली खेलते हुए वीडियो सामने आने के बाद, उनका यह बयान सामने आया है।
रोजा न रखने पर पाप करने का आरोप
इससे पहले, रजवी ने शमी को रमजान के दौरान रोजा न रखने के कारण पापी करार दिया था। उन्होंने कहा कि यदि शमी और अन्य लोग रोजा नहीं रखते, तो उन्हें रमजान के बाद उपवास रखना चाहिए। रजवी ने भारतीय क्रिकेट टीम को चैंपियंस ट्रॉफी में जीत के लिए बधाई दी, साथ ही शमी को सलाह दी कि वह अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करें। उनका कहना था कि क्रिकेट खेलना गलत नहीं है, लेकिन शमी को अपनी धार्मिक जिम्मेदारी का पालन करना चाहिए।
शरीयत के अनुसार रोजा रखना अनिवार्य
मौलाना ने कहा, “इस्लाम में रोजा रखना एक अनिवार्य कर्तव्य है। अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर रोजा नहीं रखता है, तो उसे शरीयत के हिसाब से पापी माना जाता है।” उन्होंने शमी से यह भी कहा कि वे अपने परिवार के अन्य सदस्यों से भी यह अपील करें कि वे शरीयत का उल्लंघन न करें।
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