प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार सुबह निलंबित IAS अधिकारी अभिषेक प्रकाश सिंह (IAS Abhishek Prakash Singh) के कथित दलाल निकांत जैन (Nikant Jain) के तीन ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। ये कार्रवाई लखनऊ, मेरठ और नोएडा में की गई। ED को इस रेड में बैंक खातों और संदिग्ध लेन-देन से जुड़ी अहम जानकारी हाथ लगी है। निकांत जैन इस समय जेल में है और उस पर रिश्वतखोरी व बैंक धोखाधड़ी जैसे गंभीर आरोप हैं।
होटल मालिक और निकांत के करीबी भी जांच के घेरे में
इस कार्रवाई के दौरान ED की टीम ने होटल गोल्डन ब्लॉसम के मालिक राजेंद्र सिंह और निकांत के एक अन्य करीबी सौरभ सेठ के घर भी दबिश दी। जांच एजेंसी को इन दोनों के जरिए भी लेन-देन की कड़ियाँ जोड़ने की कोशिशें की जा रही हैं। सूत्रों का कहना है कि निकांत अक्सर अधिकारियों को राजेंद्र के होटल में ठहराया करता था, जिससे सांठगांठ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
रिश्वत के बदले इन्वेस्टर्स से करवाता था काम
निकांत जैन को 20 मार्च को यूपी STF ने गिरफ्तार किया था। उस पर आरोप है कि वह अपने रसूख का फायदा उठाकर IAS अधिकारी के नाम पर इन्वेस्टर्स से काम करवाने के लिए मोटी रिश्वत वसूलता था। इस मामले में गोमती नगर थाने में केस दर्ज है और पुलिस ने 1600 पन्नों की चार्जशीट भी दाखिल कर दी है। कोर्ट से उसे एक मामले में जमानत मिल गई थी, लेकिन दूसरी FIR के चलते वह अब भी जेल में बंद है।
बैंक से 4 करोड़ की लोन धोखाधड़ी का नया खुलासा
ED की जांच के दौरान यह भी सामने आया कि निकांत जैन, उसके भाई सुकांत जैन और वैशाली जैन ने मिलकर इंडियन बैंक से चार करोड़ रुपए का लोन धोखे से लिया। बैंक की शिकायत पर हजरतगंज कोतवाली में इनके खिलाफ IPC की धारा 409, 420 और 465 के तहत केस दर्ज किया गया है। बैंक प्रबंधक आशीष जिंदल ने आरोप लगाया है कि जैन परिवार ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए लोन लेकर गड़बड़ी की।
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कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है निकांत जैन पर
निकांत जैन पहले से ही कई आपराधिक मामलों में घिरा हुआ है और अब ED की कार्रवाई से उसके खिलाफ जांच और तेज हो गई है। एजेंसियां यह भी जांच रही हैं कि इन घोटालों और लेन-देन में कौन-कौन सरकारी अधिकारी और कारोबारी शामिल थे। आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां और खुलासे हो सकते हैं।