कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक बार फिर चुनाव आयोग (Election Commission) पर तीखा हमला बोला है। राहुल गांधी ने हाल ही में बेंगलुरु की एक जनसभा में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘वोट चोरी’ करके सत्ता में आए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यदि चुनाव आयोग इलेक्ट्रॉनिक डेटा सार्वजनिक करे, तो कांग्रेस यह साबित कर सकती है कि व्यापक स्तर पर गड़बड़ी हुई है। राहुल ने कहा कि यह एक ‘अपराधिक कृत्य’ है और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को एक न एक दिन कानून के कटघरे में लाया जाएगा।
कांग्रेस की मांग
राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से चुनाव आयोग से पूरे देश की मतदाता सूची को डिजिटल स्वरूप में सार्वजनिक करने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने चुनाव केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध कराने को कहा है। उनका कहना है कि इन तथ्यों के माध्यम से यह साबित किया जा सकता है कि वोटिंग प्रक्रिया में गंभीर गड़बड़ियां की गई हैं, न सिर्फ कर्नाटक बल्कि पूरे देश में। राहुल ने दावा किया कि सिर्फ 25 सीटों के अंतर से नरेंद्र मोदी सत्ता में लौटे हैं, और ये सीटें वोट चोरी से जीती गईं।
रवि किशन का पलटवार
राहुल गांधी के इन आरोपों पर बीजेपी (BJP) सांसद रवि किशन (Ravi Kishan) ने तीखा जवाब दिया है। संसद भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए रवि किशन ने कहा, ‘उलटा चोर कोतवाल को डांटे।’ उन्होंने कांग्रेस के इतिहास की ओर इशारा करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी के समय में बूथ कैप्चरिंग और बैलट बॉक्स लूट की घटनाएं हुई हैं। रवि किशन ने कहा कि पहले कांग्रेस अपने इतिहास का जवाब दे, फिर दूसरों पर आरोप लगाए।
बीजेपी का सवाल
रवि किशन ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस जिन राज्यों में चुनाव जीतती है, वहां वह चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल नहीं उठाती। लेकिन जहां हार होती है, वहीं EVM और चुनाव आयोग पर शक जताने लगती है। उन्होंने कहा, ‘अगर चुनाव आयोग बीजेपी के लिए काम करता होता, तो आज पूरे देश में सिर्फ बीजेपी की ही सरकार होती। लेकिन हकीकत यह है कि कई राज्यों में कांग्रेस की सरकार है, इसका जवाब भी राहुल गांधी को देना चाहिए।’
बीजेपी का आरोप
बीजेपी ने राहुल गांधी पर लोकतंत्र और संविधान पर हमला करने का आरोप लगाया है। रवि किशन ने कहा कि चुनाव में हार की जिम्मेदारी जनता के मत पर है, लेकिन कांग्रेस इसे मानने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा, जिस राज्य में जनता ने उन्हें हराया है, वहां वे चुनाव आयोग पर आरोप लगाकर लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं। यह देश के संवैधानिक ढांचे पर सीधा हमला है, जिसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता।