वोटर लिस्ट और हलफनामे को लेकर चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने तीखा रुख अपनाया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने संसद के बाहर हलफनामे की कॉपी दिखाते हुए आरोप लगाया कि चुनाव आयोग (Election Commission) बीजेपी (BJP) के इशारे पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि यदि आयोग वोटिंग में धांधली रोकना चाहता है तो एक डीएम को सस्पेंड कर दे, इससे कभी वोट चोरी या वोटों की डकैती नहीं होगी।
18 हजार हलफनामे पर कार्रवाई का सवाल
अखिलेश यादव ने दावा किया कि 2022 में उनकी पार्टी ने 18 हजार एफिडेविट चुनाव आयोग को सौंपे थे, लेकिन उस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि यदि समय और मिलता तो और भी ज्यादा हलफनामे जमा किए जाते। अखिलेश ने सवाल उठाया कि इतने एफिडेविट के बावजूद जब कार्रवाई नहीं हुई तो फिर आयोग पर कैसे भरोसा किया जा सकता है।
उपचुनाव में धांधली के गंभीर आरोप
सपा अध्यक्ष ने यूपी उपचुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि यह साधारण गड़बड़ी नहीं बल्कि डकैती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी प्राइवेट ड्रेस में जाकर मतदान कर रहे थे। अखिलेश ने सवाल उठाया कि किसी विधानसभा क्षेत्र में हारने के बावजूद 77 प्रतिशत वोट मिलना क्या संभव है।
अधिकारियों के ट्रांसफर पर सवाल
अखिलेश ने यह भी आरोप लगाया कि 2017 से लेकर 2024 तक किसी भी चुनाव में एक भी अधिकारी का तबादला नहीं किया गया। जबकि पहले चुनावों में बीजेपी की शिकायत पर अधिकारियों के तबादले होते थे। उन्होंने कहा कि बीएलओ से लेकर पीठासीन अधिकारियों तक को पहले से सेट किया गया था, लेकिन शिकायतों के बावजूद किसी पर कार्रवाई नहीं हुई।
योगी सरकार और आयोग पर तंज
अखिलेश यादव ने यूपी की योगी सरकार और चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि 2022 का उपचुनाव ऐतिहासिक था। उन्होंने तंज कसा कि दुनिया को यूपी से सीखना चाहिए कि लोकतंत्र कैसे चलता है। अखिलेश ने बताया कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों को चुनाव देखने के लिए आमंत्रित भी किया था, लेकिन कोई आया ही नहीं।

















































