केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने नागपुर (Nagpur) में आयोजित अखिल भारतीय महानुभाव परिषद के एक कार्यक्रम में राजनीति और मूल्यों को लेकर बेबाक टिप्पणी की। मजाकिया अंदाज में गडकरी ने कहा कि राजनीति के क्षेत्र में सच बोलना आसान नहीं है, और अक्सर वही लोग अच्छे नेता बनते हैं जो दूसरों को बेवकूफ बना सकते हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि ईमानदारी, सत्य और समर्पण जैसे मूल्य लंबे समय तक सफलता दिलाते हैं, भले ही शॉर्टकट जल्दी परिणाम दे दें।
शॉर्टकट से मिलती है त्वरित सफलता
गडकरी ने अपने संबोधन में शॉर्टकट की प्रवृत्ति पर भी टिप्पणी की। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे कोई व्यक्ति ट्रैफिक नियम तोड़कर रेड लाइट पर सड़क पार कर सकता है, वैसे ही जीवन में भी लोग जल्दी सफलता पाने के लिए गलत रास्ते अपनाते हैं। लेकिन यह रास्ता लंबे समय में हानिकारक हो सकता है। गडकरी ने चेताया कि शॉर्टकट केवल ‘शॉर्ट’ ही नहीं करते, बल्कि परिणामों को भी छोटा और अस्थायी बना देते हैं।
सत्य और मूल्यों से मिलती है स्थायी सफलता
अपने भाषण में गडकरी ने भगवद गीता का हवाला देते हुए कहा कि अंत में हमेशा सत्य की जीत होती है। उन्होंने बताया कि भगवान कृष्ण ने भी यही सिखाया है कि सत्य और नैतिकता ही जीवन की नींव हैं। उन्होंने चक्रधर स्वामी की शिक्षाओं को भी रेखांकित किया, जिन्होंने सत्य, अहिंसा, शांति और समानता जैसे मूल्यों का प्रचार किया था।
संस्कारों से बदलता है व्यक्ति का जीवन
गडकरी ने यह भी कहा कि व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन उसके संस्कारों से आता है। उन्होंने महानुभाव संप्रदाय के संस्थापक चक्रधर स्वामी की शिक्षाओं को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हर किसी को इन सिद्धांतों का पालन करना चाहिए। उन्होंने यह संदेश दिया कि भले ही राजनीतिक क्षेत्र में सच बोलना कठिन हो, लेकिन व्यक्तिगत जीवन में सच्चाई और ईमानदारी ही सबसे बड़ी पूंजी है।




















































