बिहार में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक हमलों की तीव्रता बढ़ती जा रही है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कविता के माध्यम से राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि बिहार की धरती, दुख में है डूबी हुई। गांव की गलियों में अंधेरा। सड़कें टूटीं, धंधा है मंदा, रोजगार का सपना है अंधा। तेजस्वी ने कहा कि अब पूरे बिहार से बदलाव की आवाज उठ रही है।
रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार पर गंभीर आरोप
तेजस्वी यादव ने राज्य में भ्रष्टाचार को लेकर सरकार को घेरा और आरोप लगाया कि प्रखंड कार्यालयों से लेकर थानों तक रिश्वतखोरी आम हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार को संस्थागत संरक्षण मिल रहा है। उन्होंने एक वरिष्ठ मंत्री के विभाग के अंतर्गत कार्यरत एक इंजीनियर के घर हुई छापेमारी का जिक्र करते हुए कहा कि वहां से 13 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए और वह इंजीनियर 500 करोड़ की संपत्ति का मालिक निकला। तेजस्वी ने एक और मामले का हवाला देते हुए बताया कि एक अधिकारी ने ईओयू की टीम के पहुंचने से पहले 10 करोड़ रुपये के नोट जला दिए।
ग्लोबल टेंडरिंग पर सवाल, बदलाव की उठी मांग
राजद नेता ने अपने पोस्ट में यह भी कहा कि ये भ्रष्टाचार के केवल तीन छोटे उदाहरण हैं और ऐसे न जाने कितने मामले दबे हुए हैं। तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार की ग्लोबल टेंडरिंग प्रक्रिया पर भी सवाल उठाते हुए पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है और आने वाले चुनाव में इसका असर स्पष्ट दिखाई देगा। तेजस्वी की यह कवितात्मक पोस्ट चुनावी रण में एक भावनात्मक और आक्रामक हस्तक्षेप मानी जा रही है।