राजधानी लखनऊ (Lucknow) की सड़कों पर अक्सर नीली-लाल बत्ती के साथ तेज रफ्तार सरकारी गाड़ियां नजर आती हैं, लेकिन इस बार मामला कुछ और निकला। लखनऊ पुलिस ने एक ऐसे फर्जी IAS अधिकारी (Fake IAS Officer) को गिरफ्तार किया है, जो महीनों से पूरे सिस्टम को अपने झूठे रसूख से गुमराह करता आ रहा था।
▶️लखनऊ में फर्जी IAS सौरभ त्रिपाठी पकड़ा गया।
▶️लग्जरी गाड़ियों के काफिले से जमाता रौब।
▶️नीली-लाल बत्ती लगाकर अधिकारी बनता था।@Uppolice । @lkopolice । #Upnews । #Lucknow pic.twitter.com/HnjMGvPSqA— Breaking Tube (@BreakingTubeX) September 4, 2025
कारगिल शहीद पार्क के पास चेकिंग में हुआ भंडाफोड़
मामला उस वक्त सामने आया जब वजीरगंज थाना क्षेत्र में पुलिस टीम सुबह-सुबह कारगिल शहीद पार्क के पास वाहनों की चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान एक काली लग्जरी कार को रोका गया, जिसमें बैठा युवक खुद को IAS अधिकारी बताकर पुलिस पर रौब जमाने लगा और यहां तक कह डाला कि वह सीधे मुख्यमंत्री से शिकायत कर देगा। पुलिस को उसकी हरकतों पर शक हुआ और जब कड़ाई से पूछताछ की गई, तो पूरा फर्जीवाड़ा सामने आ गया।
गौतमबुद्ध नगर का रहने वाला है आरोपी
गिरफ्तार किए गए युवक का नाम सौरभ त्रिपाठी है, जो गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) का निवासी बताया जा रहा है। उसने खुद को उत्तर प्रदेश कैडर का IAS अफसर बताकर सरकारी तंत्र को महीनों तक धोखे में रखा।
लग्जरी गाड़ियों का करता था इस्तेमाल
पुलिस जांच में सामने आया कि सौरभ के पास डिफेंडर, फॉर्च्यूनर और मर्सिडीज जैसी महंगी गाड़ियां थीं, जिनमें वह नीली बत्ती और ड्राइवर के साथ चलता था। गाड़ियों की तलाशी में पुलिस को फर्जी दस्तावेज, नकली सरकारी पास और VIP प्रोटोकॉल से जुड़े कई सामान बरामद हुए।
सरकारी कार्यक्रमों और बैठकों में बनता था हिस्सा
सौरभ ने फर्जी पहचान के दम पर कई बार सरकारी कार्यक्रमों में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। वह अफसरों की बैठकों में भी पहुंचता और दबाव बनाकर फैसले प्रभावित करने की कोशिश करता था। कई अधिकारियों को उस पर शक भी हुआ, लेकिन उसके दिखावे और धौंस के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सोशल मीडिया पर चलाता था नकली IAS अकाउंट
फर्जी IAS अधिकारी ने सोशल मीडिया को भी अपने जाल का हिस्सा बना लिया था। उसने Instagram और X पर @Saurabh_IAAS नाम से अकाउंट बनाकर खुद को ‘IAS, Uttar Pradesh Government’ लिखा हुआ था। अकाउंट पर उसने कई कार्यक्रमों की तस्वीरें और सरकारी बैठकों के फोटोज शेयर किए थे।
NGO की आड़ में बनाया नेटवर्क
पुलिस पूछताछ में सौरभ ने बताया कि उसने कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है। इसके बाद एक NGO बनाई और उसके नाम पर बड़े नेताओं व अधिकारियों से मुलाकातें कीं। यहीं से उसने खुद को IAS अफसर के रूप में प्रस्तुत करना शुरू किया और सिस्टम की खामियों का फायदा उठाकर फर्जी रसूख कायम किया।
अधिकारियों को धमका कर बदलवाता था फैसले
सूत्रों के मुताबिक, सौरभ अधिकारियों को धमकी देता था कि अगर उसकी बात नहीं मानी गई, तो वह सीधे मुख्यमंत्री तक बात पहुंचाएगा। वह कई बार होटलों में बैठकें करता और वहां अधिकारियों को बुलाकर निर्णय बदलवाने की कोशिश करता था। चौंकाने वाली बात यह है कि कई अफसर उसकी असली पहचान जानने की कोशिश ही नहीं करते थे।
पुलिस की कार्रवाई से हड़कंप
लखनऊ के पुलिस आयुक्त (पश्चिमी) विभूति श्रीवास्तव ने बताया कि मामले की गहन जांच की जा रही है। पुलिस को शक है कि इस तरह के फर्जी IAS अधिकारियों के पीछे किसी संगठित गिरोह का हाथ हो सकता है। सौरभ की सभी गाड़ियां और दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैं, और उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स को डिलीट करवाया जा चुका है।
अभी कई खुलासे बाकी
फिलहाल आरोपी से पूछताछ जारी है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि उसने कितने सरकारी कार्यक्रमों में हिस्सा लिया, किन अधिकारियों से संपर्क किया और किस हद तक निर्णयों को प्रभावित किया। साथ ही यह भी जांच हो रही है कि उसने महंगी गाड़ियां कैसे खरीदीं और फंडिंग कहां से हुई।