‘कुंडा का गुंडा’ लिखने पर आउटलुक ने 27 साल बाद मांगी माफी, राजा भैया बोले- खलनायक बनाना आसान

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कुंडा से विधायक और चर्चित नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Raja Bhaiya) को आखिरकार 27 वर्षों बाद मीडिया से इंसाफ मिला है। प्रतिष्ठित समाचार पत्रिका Outlook ने वर्ष 1997 में प्रकाशित एक विवादित लेख के लिए अब माफी मांग ली है। राजा भैया ने खुद 15 सितंबर 2025 को X पर पोस्ट कर इस बात की जानकारी दी।

‘कुंडा का गुंडा’ शीर्षक बना विवाद की जड़

Outlook पत्रिका ने 17 नवंबर 1997 को एक लेख प्रकाशित किया था जिसका शीर्षक था, ‘आज का मंत्री, कुंडा का गुंडा राजा’। इस लेख में कई आपत्तिजनक टिप्पणियां और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया था, जिससे राजा भैया की छवि को गंभीर नुकसान पहुंचा। उस समय इस लेख को लेकर काफी विवाद हुआ और एक समर्थक ने मैगजीन पर मानहानि का मुकदमा दर्ज करवा दिया।

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27 साल तक चला न्यायिक संघर्ष

राजा भैया ने बताया कि यह कानूनी लड़ाई सालों तक चलती रही और जब फैसला आने की घड़ी नजदीक आई, तो पत्रिका प्रबंधन ने उनसे संपर्क किया और मुकदमा वापस लेने की गुजारिश की। इसके बदले पत्रिका ने सार्वजनिक रूप से माफीनामा छापने पर सहमति जताई। अंततः Outlook ने लेख में उपयोग की गई भाषा को पूरी तरह अनुचित मानते हुए लेख में दिए गए सभी आरोपों को वापस ले लिया और गंभीर खेद प्रकट किया।

सत्य की जीत होती है: राजा भैया की प्रतिक्रिया

राजा भैया ने ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा की , बात आज से 27 वर्ष पहले की है, देश की एक बड़ी पत्रिका Outlook ने हमारा साक्षातकार लिया पर बहुत ही अभद्र भाषा में उसे छापा, लोग उसे पढ़के हतप्रभ थे कि इतनी बड़ी पत्रिका ऐसी भाषा का उपयोग कैसे कर सकती है। किसी की नकारात्मक छवि बनाना मीडिया के लिए बड़ा आसान काम है। मीडिया भी जानती है कि मैंने अपने सार्वजनिक और निजी जीवन में भाषा की मर्यादा का सदैव ध्यान रखा है, ख़ैर हमारे एक समर्थक से रहा नहीं गया और उन्होंने Outlook पर न्यायालय में मानहानि का मुक़दमा कर दिया, न्यायचक्र चलता रहा और समय बीतता गया, अब फ़ैसले का दिन निकट आ गया था, जब उन्हें लगा कि निर्णय सत्य के पक्ष में होगा और उनके विपरीत जायेगा तो उन्होंने हमसे सम्पर्क किया, मुक़दमा वापस लेने का अनुरोध किया और माफ़ीनामा छापने पर सहमत हुये। अंततः उन्होंने उक्त माफ़ीनामा छापा जो आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूं। यद्यपि 27 वर्ष बाद माफ़ीनामा छापने से सार्वजनिक जीवन में हुई हानि की भरपाई नहीं की जा सकती है। मीडिया के लिए बहुत आसान है किसी को हीरो या खलनायक बना देना, ख़ासकर मुझे लेकर बहुत ही अनर्गल बातें छप चुकी हैं, लेकिन कहते हैं ना कि सांच को आंच नहीं।

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आउटलुक ने हटाया लेख, मांगी सार्वजनिक माफी

Outlook पत्रिका ने न केवल अपने वेबसाइट से वह पुराना लेख हटा दिया है, बल्कि लेख के प्रकाशन से हुई परेशानी, पीड़ा, चोट और प्रतिष्ठा को पहुँची क्षति के लिए गहरा खेद जताया है। माफीनामे में उन्होंने स्वीकारा कि लेख के शब्दों ने एक झूठा नैरेटिव गढ़ा जो अब उन्हें पूरी तरह अनुचित लगता है।

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