‘अपनी जनता पार्टी’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को जमकर आड़े हाथों लिया। चंदौली में आयोजित ‘संविधान सम्मान व जनहित हुंकार यात्रा’ के दौरान उन्होंने अखिलेश को एक भ्रमित नेता करार दिया। उन्होंने कहा कि जो नेता खुद यह तय न कर सके कि PDA का मतलब क्या है, वो प्रदेश को क्या दिशा देगा। मौर्य ने तंज कसते हुए कहा, कभी ‘पी’ पिछड़ा बताए तो कभी पंडित, ‘डी’ कभी दलित तो कभी डिंपल, और ‘ए’ कभी आदिवासी तो कभी अगड़ा ये सब भ्रम की राजनीति है।
PDA को बताया धोखा और छलावा
स्वामी प्रसाद मौर्य ने PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फार्मूले को पूरी तरह से खारिज करते हुए इसे सिर्फ एक राजनीतिक छलावा बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव खुद ही इस फॉर्मूले को लेकर स्पष्ट नहीं हैं, जिससे यह जाहिर होता है कि वो खुद भ्रम में हैं। मौर्य का कहना था कि एक कंफ्यूज लीडर से न तो संगठन को दिशा मिल सकती है और न ही प्रदेश को कोई बेहतर भविष्य।
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अखिलेश की कार्यशैली पर कटाक्ष
अखिलेश यादव की कार्यशैली पर कटाक्ष करते हुए मौर्य ने कहा कि वो विपक्ष में रहते हुए भी यह समझते हैं कि अभी भी सपा की सरकार चल रही है। मौर्य ने कहा, “यह गलतफहमी समाजवादी पार्टी के नेताओं में गहराई से बैठी है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया और जनता के फैसले को नहीं स्वीकार पा रहे हैं।”
योगी सरकार पर भी साधा निशाना
मौर्य ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार के गुंडाराज और मौजूदा योगी सरकार के गुंडाराज में कोई फर्क नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले भी जनता की पिटाई होती थी, उसे लूटा जाता था और खेत-खलिहानों पर जबरन कब्जा किया जाता था और आज भी वही हालात हैं। इसलिए उत्तर प्रदेश के लिए न समाजवादी पार्टी कोई विकल्प है और न ही भारतीय जनता पार्टी। उन्होंने दावा किया कि इसके विकल्प के रूप में उनका ‘ लोक मोर्चा’ सरकार बनाने की दिशा में काम कर रहा है।