उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) को भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बिहार का सह प्रभारी नियुक्त किया है। यह फैसला पार्टी के भीतर उनके बढ़ते कद और प्रभाव को दर्शाता है। माना जा रहा है कि उनकी नियुक्ति बिहार की राजनीति में पार्टी की नई रणनीति का अहम हिस्सा होगी।
संगठन में मजबूत पकड़
केशव प्रसाद मौर्य लंबे समय से भाजपा संगठन से जुड़े हुए हैं। वर्ष 2017 में जब उत्तर प्रदेश में पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी, उस समय वे प्रदेश अध्यक्ष थे। संगठनात्मक अनुभव और कार्यकर्ताओं से गहरे जुड़ाव के चलते पार्टी ने उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। अब वह बिहार के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के साथ मिलकर चुनावी रणनीति को आगे बढ़ाएंगे।
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विदेश दौरे से बढ़ा कद
इससे पहले भी मौर्य को एक खास जिम्मेदारी दी गई थी। उन्हें भगवान बुद्ध के अस्थि कलश और 56 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ रूस भेजा गया था। आमतौर पर यह अवसर केंद्रीय मंत्रियों को ही दिया जाता है, लेकिन मौर्य को यह जिम्मेदारी मिलना इस बात का संकेत है कि पार्टी उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर भी अहम भूमिका में देख रही है।
ओबीसी समीकरण साधने की कोशिश
बीजेपी का यह कदम आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बड़ा ओबीसी दांव माना जा रहा है। मौर्य कोईरी कुशवाहा बिरादरी से आते हैं, जिसकी बिहार में अच्छी-खासी आबादी है। पार्टी को उम्मीद है कि उनके प्रभाव से ओबीसी वोटरों को साधा जा सकेगा। लंबे समय से अटकलें थीं कि यूपी के डिप्टी सीएम को संगठन में नई भूमिका दी जाएगी, जो अब सच हो गई है।