प्रयागराज जेल से झांसी कारागार शिफ्ट किए जाने के बाद अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के बेटे अली अहमद (Ali Ahmed) ने मीडिया के सामने अपनी पीड़ा रखी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से उनकी सिर्फ यही गुजारिश है कि उन्हें अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाए। अली ने कहा, जो कुछ हो गया, वह हो गया, लेकिन अब लगातार सताया जा रहा है।
जेल ट्रांसफर पर उठाए सवाल
अली अहमद ने बताया कि जब वह अपने होम डिस्ट्रिक्ट प्रयागराज की जेल में था तो उसे पूरी तरह से अलग-थलग रखा गया था। न किसी से मिलने की अनुमति थी और न ही बातचीत की इजाजत। अब उसे 400-500 किलोमीटर दूर झांसी जेल भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि छोटे से चेंबर में 5-6 कैदियों को रखा गया है, जिससे स्थिति और कठिन हो गई है।
नगद बरामदगी पर दी सफाई
जून 2025 में नैनी सेंट्रल जेल में अली अहमद की बैरक से 1100 रुपये नकद बरामद हुए थे। इस घटना के बाद जेल प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए एक डिप्टी जेलर और हेड वार्डन को निलंबित कर दिया था और अली को हाई सिक्योरिटी बैरक में भेजा गया। इस पर सफाई देते हुए अली ने कहा कि वह पैसा जेल में कूपन खरीदने के लिए था, जिसे गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया।
उमेश पाल हत्याकांड का आरोपी
अली अहमद उमेश पाल हत्याकांड का आरोपी है। वह लंबे समय तक फरार रहा और 30 जुलाई 2022 को अदालत में आत्मसमर्पण किया। उसने दावा किया कि उस पर आठ मुकदमे लगाए गए हैं, जो फर्जी हैं। अली का कहना है कि वह लॉ का छात्र है और दिल्ली में पढ़ाई करता था, लेकिन अब जेल में उसे असुरक्षित माहौल में रखा गया है।