UP: रामनगरी अयोध्या (Ayodhya) में कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के अवसर पर आस्था अपने चरम पर दिखाई दी। भोर होते ही लाखों श्रद्धालु सरयू नदी के घाटों पर पवित्र स्नान के लिए उमड़ पड़े। सूर्योदय से पहले ही घाटों पर भक्तों का सैलाब देखने को मिला, जिसने ठंडी सुबह को भी भक्ति में बदल दिया। श्रद्धालुओं ने सरयू स्नान, पूजन-अर्चन और गोदान कर पुण्य लाभ अर्जित किया। नागेश्वरनाथ मंदिर, हनुमानगढ़ी, कनक भवन और श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में सुबह से ही लंबी कतारें लगी रहीं।
यातायात डायवर्जन और सुरक्षा के सख्त इंतजाम
श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने लता मंगेशकर चौक से सरयू घाट की ओर जाने वाले 12 मार्गों पर वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी। इसके साथ ही पांच स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है। यातायात डायवर्जन मेला समाप्ति तक प्रभावी रहेगा। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुगमता के लिए वैकल्पिक मार्ग तय किए हैं, जबकि आवश्यक सेवाओं जैसे एम्बुलेंस पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा।
घाटों पर स्वच्छता और सुविधाओं की मुकम्मल तैयारी
नगर निगम ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घाटों पर 250 बायो टॉयलेट, 97 चेंजिंग रूम और 25 पेयजल केंद्र स्थापित किए हैं। महिलाओं के लिए विशेष अस्थायी चेंजिंग टेंट बनाए गए हैं। महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी और नगर आयुक्त जयेंद्र कुमार ने सरयू घाट, नागेश्वरनाथ मंदिर और अन्य प्रमुख स्थलों का निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को साफ-सफाई और व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए।
तीन जोनों में बंटा मेला क्षेत्र, अधिकारी तैनात
नगर निगम ने कार्तिक पूर्णिमा स्नान मेला क्षेत्र को तीन जोन में विभाजित कर सुपर नोडल और नोडल अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। घाटों की सफाई के लिए 250 कर्मचारियों की ड्यूटी तीन शिफ्टों में लगाई गई है। अपर नगर आयुक्त डॉ. नागेंद्र नाथ, भारत भार्गव और सुमित कुमार को अलग-अलग जोनों की निगरानी सौंपी गई है। प्रकाश व्यवस्था से लेकर पेयजल आपूर्ति तक सभी व्यवस्थाओं को पूर्ण रूप से क्रियाशील रखा गया है ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

















































