उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में स्कूलों के मर्जर को लेकर शुरू हुई राजनीति अब और गर्मा गई है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने सरकार के फैसले के विरोध में ‘पीडीए पाठशाला’ (PDA Pathsahala) नाम से पहल शुरू की है, जिसमें बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। इसी को लेकर विवाद छिड़ गया है। भाजपा (BJP) ने सपा पर आरोप लगाया है कि वह बच्चों को ‘अ से अखिलेश’ और ‘ड से डिंपल’ जैसे राजनीतिक शब्द सिखा रही है। सोशल मीडिया पर इसके वीडियो भी वायरल हो रहे हैं।
डिप्टी सीएम का हमला
प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) ने इस मुद्दे पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा की यह पाठशाला ‘अ से अलकायदा’ सिखाने वाली है। पाठक ने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव बच्चों के दिमाग में गलत विचार भर रहे हैं और उन्हें राजनीति में घसीट रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सपा सरकार में दंगाइयों और आतंकियों के केस वापस लिए गए थे, जबकि भाजपा की सरकार में कानून-व्यवस्था मजबूत है।
अखिलेश यादव का पलटवार
इस विवाद के जवाब में अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि समस्या बजट की नहीं, सोच की है। उन्होंने बताया कि एक आदर्श शिक्षा व्यवस्था में 20 बच्चों पर एक शिक्षक होना चाहिए, लेकिन भाजपा सरकार लाभ-हानि की सोच के चलते शिक्षा व्यवस्था पर खर्च नहीं कर रही। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री आत्म-प्रचार पर भारी भरकम खर्च कर रहे हैं, जिसे कम किया जाए तो शिक्षा के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध हो सकता है।
‘पीडीए पाठशाला’ को बताया सकारात्मक पहल
अखिलेश यादव ने साफ किया कि ‘पीडीए पाठशाला’ भाजपा सरकार की स्कूल बंद करने की नीति के विरोध में शुरू की गई एक सकारात्मक और रचनात्मक पहल है। उन्होंने कहा कि जब-जब भाजपा स्कूल बंद करेगी, तब-तब समाजवादी पार्टी बच्चों की पढ़ाई के हक़ की रक्षा करेगी। उन्होंने दोहराया कि भाजपा शिक्षा को फायदे-नुकसान के तराजू में तोलती है, जबकि समाजवादी पार्टी के लिए शिक्षा और प्रतिभा को बढ़ावा देना हमेशा प्राथमिकता रही है।