अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी अब दिल्ली के बाहर सियासी जमीन बनाने में जुटी है. इसी कड़ी में पार्टी ने यूपी विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया, जिसके बाद से ही केजरीवाल की पार्टी योगी सरकार पर लगातार हमलावर दिख रही है. वहीं बुधवार को लखनऊ (Lucknow) पहुंचे डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) का दांव उल्टा पड़ गया. योगी सरकार पर आरोप लगाकर सियासत चमकाने की फिराक में सिसोदिया पर जब दिल्ली में बढ़ते कोरोना और यूपी के लोगों के अपमान पर सवाल पूछा गया तो डिप्टी सीएम जवाब देने के बजाय पत्रकारों से ही उलझ गए. उन्होंने सवाल कर रहे पत्रकारों से पूछ दिया “आप बीजेपी डॉट कॉम से आए हैं क्या”?
दरअसल, बुधवार को लखनऊ में प्रेस वार्ता के दौरान योगी सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह को शिक्षा और स्वास्थ्य पर बहस की चुनौती दे रहे मनीष सिसोदिया से जब दिल्ली के सरकारी स्कूलों में निजी स्कूलों के मुकाबले कम होती छात्र संख्या के सवाल पर सिसोदिया संतोषजनक जवाब देने के बजाय पत्रकारों से ही बहस करने लगे. दिल्ली के स्कूलों में बड़ी संख्या में रिक्त प्रधानाचार्यों के पदों पर सवाल हुआ तो सिसोदिया दूसरी तरफ मुखातिब हो गए. दिल्ली के भाजपा नेता कपिल मिश्रा द्वारा दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था पर उठाए गए सवाल को भी मनीष टाल गए.
इतना ही नहीं कोरोना काल में दिल्ली से उत्तर प्रदेश के लोगों के भगाए और अपमानित किए जाने के सवाल पर मनीष सिसोदिया पत्रकारों से ही उलझ पड़े. जवाब देने के बजाय सिसोदिया ने पत्रकारों पर गलत सवाल पूछने का आरोप लगाया. पत्रकारों के सवालों का जवाब नहीं दे पा रहे सिसोदिया संजय सिंह का इशारा मिलते ही प्रेस कांफ्रेंस छोड़ कर निकल गए. दिल्ली में हर मोर्चे पर केजरीवाल सरकार के असफल होने के सवाल का भी सिसोदिया ने कोई जवाब नहीं दिया.
हाल ही में संजय सिंह की भी हुई थी बोलती बंद
बता दे कि बीते गुरूवार को आम आदमी पार्टी के सांसद और यूपी प्रभारी संजय सिंह भी प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों के सवालों का जवाब देने के बजाय प्रेस कांफ्रेंस छोड़ कर चले गए थे.पत्रकारों ने दिल्ली में यूपी के लोगों के इलाज पर सीएम केजरीवाल द्वारा एतराज जताए जाने का मुद्दा भी उठाया. लेकिन संजय सिंह संतोषजनक जवाब देने के बजाय दूसरी बातों में लगे रहे. कोरोना के दौरान यूपी में महंगे उपकरण खरीदने का आरोप लगा रहे आप सांसद के सामने ही पत्रकारों ने दिल्ली में यूपी से कहीं ज्यादा महंगी दर पर आक्सीमीटर समेत अन्य उपकरण खरीदे जाने पर सवाल पूछा. संजय सिंह ने इसे नकारते हुए पत्रकारों को खरीद के दस्तावेज देने की चुनौती दी. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ही पत्रकारों ने दिल्ली सरकार के दस्तावेज संजय सिंह के सामने रखते हुए 66302 रुपये में एक आक्सीमीटर खरीदे जाने का सबूत पेश कर दिया तो, संजय सिंह भड़क उठे.
आप सांसद से पूछा गया कि भ्रष्टाचार मिटाने का दावा करने वाली दिल्ली सरकार खुद ही भ्रष्टाचार में लिप्त है. कोरोना संक्रमण के दौरान मंहगे दामों पर आक्सीमीटर व पीपीटीई किट की खरीदारी की गई. सरकार ने न तो इसकी जांच कराई और न ही किसी पर कार्रवाई की गई. इससे साफ है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जानकारी में इस पूरे भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया. यूपी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले संजय सिंह की बोलती बंद हो गई.
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