राजधानी दिल्ली से सटे फरीदाबाद में गिरफ्तार आतंकवादी अब्दुल रहमान ने राम मंदिर को उड़ाने की साजिश का खुलासा किया है। इस योजना को अंजाम देने के लिए उसे दो हैंड ग्रेनेड भी दिए गए थे, लेकिन गुजरात एटीएस और हरियाणा एसटीएफ की टीम ने समय रहते उसे गिरफ्तार कर लिया और उसकी आतंकवादी साजिश को नाकाम कर दिया।
आतंकी संगठन ISKP से जुड़ा था अब्दुल रहमान
अब्दुल रहमान ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह पिछले दस महीनों से आईएसआई के इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (ISKP) मॉड्यूल से जुड़ा हुआ था। उसने ऑनलाइन वीडियो कॉल के जरिए आतंकवादी ट्रेनिंग ली थी और इस दौरान उसे कई टास्क भी दिए गए थे। राम मंदिर को उड़ाने की साजिश भी इसी ट्रेनिंग का हिस्सा थी।
वीडियो कॉल के जरिए ट्रेनिंग और साजिश की योजना
अब्दुल रहमान ने खुलासा किया कि वह अपने घर के पास मिल्कीपुर में अपनी दुकान पर बैठकर वीडियो कॉल के जरिए ट्रेनिंग लेता था। इस दौरान उसे कई धार्मिक स्थलों के बारे में जानकारी दी गई थी, और साजिश के हिस्से के तौर पर उसने राम मंदिर को निशाना बनाने की योजना बनाई थी। उसके मोबाइल से धार्मिक स्थलों के फोटो और वीडियो भी बरामद हुए हैं।अब्दुल रहमान ने पांच दिन पहले अपने परिवार से कहा था कि वह दिल्ली स्थित मरकज जा रहा है, लेकिन इसके बाद वह फरीदाबाद पहुंचा और वहां नाम बदलकर रहने लगा। जांच एजेंसियों के मुताबिक, अब्दुल 10वीं तक पढ़ा-लिखा है और वह अयोध्या का रहने वाला है।
साजिश में और भी लोग हो सकते हैं शामिल?
पुलिस को शक है कि इस साजिश में अब्दुल के अलावा कुछ अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। इस मामले में पुलिस उनकी तलाश कर रही है और अब्दुल को 10 दिन की कस्टडी रिमांड पर भेज दिया गया है, ताकि आगे की पूछताछ की जा सके।
अब्दुल रहमान का परिवार और आईएसआई से संबंध
अब्दुल के पिता ने बताया कि उनका बेटा पहले रिक्शा चलाता था और हाल ही में दिल्ली जमात में शामिल होने गया था। गिरफ्तारी के बाद अयोध्या पुलिस ने भी उसे हिरासत में लिया था, लेकिन पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। पुलिस एजेंसियों का दावा है कि अब्दुल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में था और कट्टरपंथी जमातों से जुड़ा हुआ था।