उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं को ‘गुंडा’ कहा था, जिसके बाद विवाद गहरा गया है। गोंडा निवासी एबीवीपी कार्यकर्ता आदर्श तिवारी ‘आज़ाद’ ने इस टिप्पणी को अपमानजनक बताते हुए मंत्री के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। उन्होंने अपने अधिवक्ता सिद्धार्थ शंकर दुबे के माध्यम से मंत्री को कानूनी नोटिस भेजा है।
5 दिन में मांगे माफी
भेजे गए विधिक नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि यदि ओमप्रकाश राजभर पांच दिन के भीतर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते हैं और भविष्य में इस तरह की भाषा के उपयोग से परहेज करने का लिखित आश्वासन नहीं देते, तो उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया जाएगा।
राजभर ने छात्र संगठन का किया अपमान
नोटिस में उल्लेख किया गया है कि 3 सितंबर को मंत्री राजभर ने एक बयान में एबीवीपी कार्यकर्ताओं को ‘गुंडा’ कहा था। अधिवक्ताओं का कहना है कि यह बयान न केवल एबीवीपी जैसे देशव्यापी छात्र संगठन की छवि खराब करता है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों का भी अपमान करता है।
एबीवीपी का योगदान बताया गया महत्वपूर्ण
विधिक नोटिस में यह भी रेखांकित किया गया है कि एबीवीपी देश का सबसे बड़ा छात्र संगठन है, जिसने शिक्षा सुधार और छात्र हितों के लिए कई आंदोलनों में अग्रणी भूमिका निभाई है। ऐसे संगठन के कार्यकर्ताओं को अपमानजनक भाषा में संबोधित करना उनके लोकतांत्रिक अधिकारों पर सीधा हमला है।
आंदोलन की चेतावनी
आदर्श तिवारी ने स्पष्ट किया है कि यदि मंत्री माफी नहीं मांगते हैं, तो वे न्यायालय में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने के साथ-साथ जन आंदोलन शुरू करेंगे। अधिवक्ताओं सिद्धार्थ शंकर दुबे और अनिमेष उपाध्याय ने कहा कि इस तरह का बयान मंत्री पद की गरिमा के खिलाफ है और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई जरूरी है।