यूपी में कानून व्यवस्था संभालने के साथ पुलिस व्यवस्था संभालने के लिए पुलिस अफसर फील्ड पर उतरे हुए हैं। मामला बाराबंकी जिले का है, जहां एडीजी लखनऊ कोतवाली का निरीक्षण करने पहुंचे थे। इस दौरान वहां इतनी खामियां मिली कि एडीजी ने ये तक कह दिया कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसा थाना कहीं नहीं देखा। इसके साथ ही एडीजी ने इस दौरान कई पुलिसकर्मियों की क्लास तक लगा दी। कोतवाली के बाद पुलिस लाइंस का निरीक्षण किया और पुलिस के राजपत्रित अधिकारियों व थानाध्यक्षों के साथ बैठक की। इस दौरान भी उन्होंने सही से काम करने की हिदायत दी।
गंदगी को देखकर जताई नाराजगी
जानकारी के मुताबिक, बुधवार को सुबह करीब 11 बजे कोतवाली नगर पहुंचे। गार्द की सलामी लेने के बाद सबसे पहले महिला हेल्प डेस्क पहुंचे। यहां रजिस्टर में शिकायतकर्ता का मोबाइल नंबर दर्ज न होने पर नाराजगी जताई। एक नंबर पर महिला सिपाही ने बात की भी तो शिकायतकर्ता से बात नहीं हो सकी। इसके बाद माल खाना पहुंचकर जायजा लिया और एसपी से वर्ष वार माल के रखरखाव का विवरण मांगा।
इस दौरान परिसर में खड़े माल मुकदमा आदि वाहनों का विवरण पूछने पर कोतवाल संजय मौर्या ने बताया कि कुल 315 वाहन हैं। इसमें 21 लावारिस, 73 एमवी एक्ट के हैं। 66 वाहनों का निस्तारण हो चुका है। लावारिस और अन्य वाहनों का विवरण न मिलने पर एडीजी बोले कि कुछ पता नहीं है सब हवा में बात कर रहे हो। इसके बाद आवासीय परिसर में गंदगी और आवास की दीवारों पर जमे पौधों को देखकर नाराजगी जताई। यहां बने 12 आवास में गैर जनपद स्थानांतरित हो चुके पुलिसकर्मियों और बिजली बिल के भुगतान को लेकर किए गए प्रश्नों पर संजय मौर्य बगले झांकते रह गए।
कोतवाली की लगी क्लास
एडीजी ने कोतवाल से कहा कि सब झूठ बोलेते हो कुछ नहीं पता है तुमको। वहां की पानी, बिजली और सफाई सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने की हिदायत दी। इसके बाद मेस का हाल जाना जहां मेन्यू के हिसाब से खाना नहीं पका था।
कंप्यूटर रूम का जायजा लेकर जब वह एक अन्य कक्ष में गए जहां केवल महिला पुलिसकर्मी थीं। यहां सही जवाब न मिलने पर एडीजी ने कहा कि मैंने लाइफ ने पहला ऐसा थाना देखा है जहां इतने लोग भरे हुए हैं और कुछ अपडेट नहीं है। इसके बाद वह कोतवाल कक्ष में गए और रजिस्टरों की समीक्षा की। एडीजी ने जल्द से जल्द सभी खामियों को दूर करने के निर्देश जारी किए हैं।