हाल ही खनन माफिया जफर की गिरफ्तारी के लिए मुरादाबाद पुलिस ने उत्तराखंड में छापेमारी की थी। इस दौरान काफी बवाल हुआ। लोगों ने पुलिस टीम को घेर कर पीटा। इतना ही नहीं, इस दौरान हुई फायरिंग में एक महिला की मौत हो गई। जिसके बाद यूपी पुलिस और उत्तराखंड पुलिस आमने सामने आ गई। हालत ये हो गए उत्तराखंड के एसीएस होम ने यूपी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि किसी भी सिविल सर्वेंट को ऐसा गैर जिम्मेदाराना बयान देना शोभा नहीं देता है।
उत्तराखंड के एसीएस ने उठाए थे सवाल
जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड में अपराधी पकड़ने गई यूपी पुलिस की फायरिंग में एक महिला की मौत होने बाद मचे बवाल को लेकर राधा रतूड़ी ने कहा था कि यूपी पुलिस दोषियों की बजाय निर्दोष लोगों को पकड़ती है। निर्दोष लोगों को पकड़कर क्राइम केसों को सॉल्व करने का चलन बहुत ही गलत है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यूपी पुलिस कई बार निर्दोष व्यक्ति को पकड़कर कहती है कि हमने क्राइम केस सॉल्व कर दिया, जो सरासर गलत है।
उत्तराखंड की अपर मुख्य सचिव गृह द्वारा दिये गये बयान के संदर्भ में एडीजी एलओ यूपी प्रशांत कुमार का बयान-
उत्तर प्रदेश पुलिस ने उत्तराखंड के ACS होम का बयान देखा और सुना है। ACS गृह उत्तराखंड ने बगैर तथ्यों की जानकारी के एक गैर जिम्मेदाराना बयान जारी किया है।(1/6) pic.twitter.com/8bnYWHyimT— UP POLICE (@Uppolice) October 17, 2022
एडीजी ने जताई आपत्ति
एसीएस होम जैसे पद पर बैठी एक अधिकारी द्वारा दिए गए इस तरह के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए यूपी पुलिस ने उत्तराखंड सरकार से ऐसे बयानों पर तत्काल रोक लगाने का भी अनुरोध किया है। एडीजी ने कहा है कि यूपी पुलिस ने उत्तराखंड की अपर मुख्य सचिव, गृह का बयान देखा व सुना है। ये बयान खेदजनक और तथ्यों पर आधारित नहीं है। बिना तथ्यों की जानकारी किए ऐसे गैरजिम्मेदाराना बयान देने से किसी भी लोक सेवक को बचना चाहिए। विशेषकर जब देश के सबसे बड़े व संवेदनशील राज्य से जुड़ा मुद्दा हो।
किसी भी सिविल सर्वेंट को ऐसे बयानों से बचना चाहिए विशेषकर जबकि वह देश के सबसे बड़े राज्य तथा सबसे संवेदनशील राज्य से जुड़ा मुद्दा है।यह बयान खेदजनक है और तथ्यों पर आधारित नहीं है क्या ACS होम को मुख्तार अंसारी एवं विजय मिश्रा जिनको मा0 न्यायालयों ने सजा दी है,निर्दोष लगते हैं 2/6
— UP POLICE (@Uppolice) October 17, 2022
एडीजी ने पूछे सवाल
एडीजी ने एसीएस से पूछा- जिन्हें न्यायालयों ने सजा दी, क्या वे निर्दोष लगते हैं। एडीजी ने सवाल उठाया है कि क्या उत्तराखंड की अपर मुख्य सचिव, गृह को माफिया मुख्तार अंसारी व विजय मिश्रा, जिन्हें न्यायालयों ने सजा दी है, निर्दोष लगते हैं। क्या जफर जो कि एक खनन माफिया है और उस पर पूर्व से ही एक लाख रुपये का इनाम है और वांछित चल रहा था या उधमसिंहनगर का रहने वाला ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख निर्दोष लगते हैं। यूपी पुलिस ने पूरे देश में अपराध व अपराधियों के प्रति कार्रवाई करके एक नजीर प्रस्तुत की है। ऐसी स्थिति में इस प्रकार का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है।
क्या जफर जो कि एक खनन माफिया है तथा जिसपे पूर्व से एक लाख का इनाम था, जो वांछित चल रहा था, या उधमसिंह नगर का रहने वाला ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख निर्दोष लगते हैं?
उत्तर प्रदेश की पुलिस ने पूरे देश में अपराध एवं अपराधियों के प्रति कार्रवाई करके एक नजीर प्रस्तुत की है। (3/6)— UP POLICE (@Uppolice) October 17, 2022
एडीजी का कहना है कि यूपी पुलिस ने अथक प्रयासों के बाद महिलाओं के प्रति अपराध करने वालों, सभी तरह के माफिया व शातिर अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की है। ऐसे सभी प्रकार के अपराधियों को सजा दिलाने में यूपी पुलिस ने देश में अव्वल स्थान प्राप्त किया है। यूपी पुलिस ने उत्तराखंड सरकार से इस तरह के गैरजिम्मेदाराना तथा तथ्यहीन बयानों पर तत्काल रोक लगाए जाने की मांगी की है।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने अथक प्रयासों के बाद महिलाओं के प्रति जो अपराध हो रहे हैं उनके अपराधियों के प्रति, सभी तरह के माफियाओं के विरुद्ध तथा शातिर अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करते हुए इनके कन्विकशन मे देश में अव्वल स्थान प्राप्त किया है। (5/6)
— UP POLICE (@Uppolice) October 17, 2022
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