सरकारी योजनाओं में अक्सर ही घोटालों का नाम सामने आता है। ताजा मामला कानपुर जिले का है, जहां शासन ने अपात्रों को ही शादी में में मिलने वाला अनुदान बांट दिया। बड़ी बात ये है कि बंटने वाली ये राशि करोड़ों में थी। दरअसल, समाज कल्याण विभाग ने पिछले 2 साल में 2523 अपात्र लोगों को शादी अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना के तहत 6 करोड़ से ज्यादा की धनराशि बांट दी। दोनों योजना में कुल लाभार्थियों की संख्या करीब 7000 है। अब योगी सरकार ने इन मामलों में जांच के बाद कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
अपात्रों को बताया जरूरतमंद
जानकारी के मुताबिक, कानपुर में शादी अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया। सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा कानपुर की सदर तहसील में हुआ। शादी अनुदान के नाम पर मिलने वाले बीस हजार रुपये और पारिवारिक लाभ योजना के तहत मिलने वाले तीस हजार रुपये पाने के लिए अपात्रों को अफसर और कर्मचारियों ने पात्र बता दिया।
जिसके अंतर्गत उनको योजना का लाभ दिया गया, शादी अनुदान योजना में 1079 और पारिवारिक लाभ योजना में 1444 लाभार्थी जांच में फर्जी पाए गए। दोनों योजनाओं के 2523 लाभार्थी फर्जी पाए गए हैं। इसका खुलासा 51 अफसरों की बनाई गई जांच कमेटी की रिपोर्ट में हुआ है। अब फर्जी तरीके से योजनाओं का लाभ पाने वाले इन 2523 लोगों से रिकवरी की योजना है।
जांच में ये बात आई सामने
कानपुर के परियोजना निदेशक केके पांडेय ने बताया कि कानूनगो और लेखपाल ने नियमों को ताक पर रखकर फर्जी लोगों को लाभ पहुंचाया। जांच में यह भी पता चला है कि एसडीएम के लॉग-इन से फर्जी रिपोर्ट भेजी गई। कई लोगों को बगैर शादी के ही ₹20000 का अनुदान दे दिया गया। यही नहीं कई लोगों को तो बिना आवेदन किए ही भुगतान कर दिया गया। बाद में जब डीएम ने पूरे मामले की जांच कराई तो पता चला कि कई लाभार्थियों ने आय और जाति प्रमाण पत्र तक फर्जी लगाए थे। सदर तहसील के 2 साल और अन्य तहसीलों के 1 साल के दस्तावेजों को जब खंगाला गया, तो सबसे ज्यादा गड़बड़ी शहरी क्षेत्र में ही मिली है।
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