अयोध्या के बाद अब काशी की धर्म संसद से गूंजेगी ‘मंदिर वहीं बनायेंगे’ की गूंज

अयोध्या में विश्व हिन्दू परिषद की धर्मसभा के बाद रविवार को काशी में शुरू हुई परमधर्म संसद में अब मंदिर वहीं बनाएंगे की गूँज सुनाई देगी. सोमवार को धर्म संसद में राम मंदिर निर्माण को लेकर चर्चा होगी. आज सुबह के सत्र में राम मंदिर निर्माण को लेकर साधु-संतों के बीच प्रस्ताव पेश किया जाएगा.

 

Also Read: भाजपा ने नहीं बल्कि ‘शिवसेना’ ने गिराया था बाबरी मस्जिद का ढांचा: आजम खान

 

इससे पहले रविवार को काशी के सीर गोवर्धन में धर्म संसद 1008 का शुभारंभ किया गया. पहले सत्र में देशभर में तोड़े जा रहे मंदिरों को बचाने के लिए मंदिर रक्षा विधेयक पारित किया गया. दूसरे सत्र में गंगा और गोरक्षा विधेयक पारित किया गया. धर्म संसद के पहले सत्र का शुभारंभ शारदा एवं ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के आदेश पर शुरू हुआ.

 

Also Read: अयोध्या में धर्मसभा के विरोध में शिवपाल ने किया राजभवन का घेराव

 

इस दौरान विकास के नाम पर मंदिरों को तोड़े जाने का मुद्दा खूब गरमाया. साधु-संतों ने इसके लिए सरकार को आड़े हाथों लिया. कहा, विकास उचित है, लेकिन आस्था और धर्म पर प्रहार अनुचित.

 

Also Read: भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले बोलीं- अगर भगवान राम में शक्ति होती तो बन जाता ‘राम मंदिर’

 

राम मंदिर के मुद्दे पर खुलकर बोलते हुए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने कहा “हम ये चाहते हैं कि आराध्य राम का मंदिर सबके साथ मिलकर बनाया जाए. हम किसी के साथ राग द्वेष से नहीं बल्कि श्रद्धा के द्वारा मंदिर बनाना चाहते हैं.

 

Also Read: बीजेपी नेता बोले- अखिलेश न करें अयोध्या की चिंता, सैफई में घर के बगल में बनवा देंगे मस्जिद

 

अयोध्या की धर्मसभा पर शंकरायचार्य ने निशाना साधते हुए कहा, “अयोध्या की धर्मसभा राजनीतिक है. ये स्मारक बनाना चाहते हैं और हम उपासना गृह बनाना चाहते हैं. हम मुस्लिम विरोध के आधार पर नहीं खड़े हुए है. अयोध्या में धर्मसभा करने वाले राजनीतिक लोग हैं. कोई भी राजनीतिक पार्टी मंदिर बनाने की हैसियत में तब आएगी जब सत्तारूढ़ हो जाएगी और उसे ये शपथ लेनी पड़ेगी की हम धर्म निरपेक्ष रहेंगे ये मंदिर-मस्जिद बना ही नही सकते. हम लोगों ने कोर्ट में बात सिद्ध कर रखी है कि ये राम जन्मभूमि है. सुप्रीम कोर्ट में अभी अटका है. एक दिन मिल बैठकर विचार कर ले तो मंदिर बन जाएगा.”

 

Also Read: राम मंदिर निर्माण के लिए आगे आईं मुस्लिम महिलाएं, बोलीं- ‘कसम खुदा की खाते हैं मंदिर वहीं बनाएंगे’

 

बता दें, अयोध्या में शिवसेना और विश्व हिन्दू परिषद की धर्म सभा के चलते माहौल गर्म है. इसी बीच नागपुर से आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मोदी सरकार पर राम मंदिर निर्माण के लिए दबाव बनाने की कोशिश की है. विश्व हिंदू परिषद की हुंकार रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने साफ कहा कि अब धैर्य नहीं निर्णायक आंदोलन का वक्त आ गया है. मंदिर के मसले पर लड़ना नहीं है लेकिन अड़ना है. एक साल पहले मैंने कहा था कि धैर्य रखना लेकिन अब धैर्य नहीं रखना है बल्कि जन जागरण करना है और यह जन जागरण तब तक करना है जब तक मंदिर न बन जाए.

 

Also Read: मोहन भागवत बोले- लड़ना नहीं अब अड़ना है, बहुत हुआ धैर्य.. हमें अब राम मंदिर चाहिए

 

( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )