‘मुल्ला मुलायम के बाद मौलाना तेजस्वी…’, भाजपा का RJD पर जोरदार हमला

बिहार (Bihar) की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। 29 जून 2025 को पटना के गांधी मैदान में आयोजित ‘वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ’ रैली के दौरान तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर तीखा बयान देकर राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया। उन्होंने मंच से ऐलान किया कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आती है, तो इस विधेयक को कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा। उनके इस बयान के बाद बीजेपी ने जोरदार हमला बोला है।

बीजेपी का पलटवार

तेजस्वी यादव के बयान पर बीजेपी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने उन्हें ‘नमाजवादी’ कहते हुए आरोप लगाया कि तेजस्वी वोट बैंक के लिए शरिया कानून लागू करना चाहते हैं। वहीं, बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि तेजस्वी का बयान न सिर्फ संसद का अपमान है, बल्कि न्यायपालिका को भी चुनौती है। वही भाजपा नेता गौरव भाटिया ने उन्हे मौलाना तेजस्वी करार दिया।

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तेजस्वी की सफाई और पलटवार

बीजेपी के हमलों पर तेजस्वी यादव ने सफाई देते हुए कहा कि उनका विरोध किसी धर्म के पक्ष में नहीं, बल्कि गरीब और वंचितों के अधिकारों के लिए है। उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक के जरिए गरीब मुसलमानों की ज़मीनों पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। तेजस्वी ने कहा कि उनकी लड़ाई सामाजिक न्याय और संविधान की रक्षा के लिए है, न कि किसी समुदाय विशेष के लिए। आरजेडी ने भी इस मसले को लेकर बीजेपी पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए अपने समर्थकों को गोलबंद करना शुरू कर दिया है।

‘A to Z’ रणनीति की मजबूती की कोशिश

तेजस्वी यादव इस बयान के जरिए खुद को एक बार फिर ‘A to Z’ यानी सभी वर्गों के नेता के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे हर वर्ग की आवाज़ उठाएंगे, चाहे वह दलित हो, पिछड़ा, अल्पसंख्यक या कोई और वंचित समूह। जबकि बीजेपी इस बयान को मुस्लिम तुष्टिकरण का प्रतीक बताकर हिंदू वोट बैंक को साधने की रणनीति पर काम कर रही है। विधानसभा चुनावों से पहले यह बयान राजनीतिक तापमान को और बढ़ा सकता है।

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