चित्रकूट स्थित तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य (Rambhadracharya) ने हिंदू बेटियों को लव जिहाद (Love Jihad) से दूर रहने और कटार थामने की सलाह दी है। आगरा जनपद में श्रीराम कथा के दौरान रामभद्राचार्य ने विभिन्न बिंदुओं पर बातचीत की। उन्होने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि के बाद यदि आवश्यकता पड़ी तो श्रीकृष्ण जन्मभूमि के लिए भी मैं गवाही दूंगा।
लव जिहाद से दूर रहने हिंदू बेटियां
उन्होने कहा कि बच्चों को वैदिक भारतीय संस्कृति से जोड़कर संस्कारवान बनाएं। महिलाएं जरूरत पड़ने पर चूड़ी की जगह कटार थामें। लव जिहाद पर अंकुश लगे। युवा देश का भविष्य बदलेंगे और आगामी 10 वर्ष में देश दोबारा विश्व गुरु बनेगा।
रामभद्राचार्य ने यह भी कहा कि अब श्रीकृष्ण जन्मभूमि के लिए गवाही की जरूरत पड़ी तो मैं तैयार हूं। मेरे सामने यदि भगवान और भारत माता दोनों हों, तो मैं भगवान से पहले भारत माता के चरण स्पर्श करूंगा क्योंकि वह सर्वप्रथम हैं। तुलसी पीठाधीश्वर ने कहा कि अधिकांश साधु-संत जनजागरण का धर्म भूलकर गृहस्थ की तरह भौतिकता में डूबे हैं और इसके लिए सब कुछ कर रहे हैं, लेकिन वह नहीं कर रहे, जो संत को करना चाहिए।
उन्होंने भारतीय शास्त्र और वेद पढ़ना छोड़ दिया है। वह पढ़ेंगे तो भारतीय संस्कृति का बोध होगा। तुलसीदासजी ने कहा है कि संत वही है, जिसे भारतीय संस्कृति का अत्यधिक बोध और वेद और पुराणों का ज्ञान हो, लेकिन आज संत चमत्कार के पीछे पड़कर धर्म को बर्बाद व बदनाम कर रहे हैं। बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री के लिए कहा कि वह अच्छे बालक हैं, लेकिन पढ़ते-लिखते नहीं। धीरे-धीरे उन्हें सद्बुद्धि आएगी।
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तलाक के बढ़ते मामले असहिष्णुता के कारण
रामभद्राचार्य ने कहा कि भक्ति का एक ही मंत्र है। सामान्य व्यक्ति तन से काम करे और मुख से श्रीराम का नाम ले। बाकी सब भगवान स्वयं सभाल लेंगे। बच्चों को संस्कारवान बनाने के लिए रामजी जैसे संस्कार दें, रावण जैसे नहीं। महिलाएं धर्म का पालन करें। माता सीता को आदर्श मानें, लेकिन परिस्थिति के हिसाब से बदलना भी जरूरी है।
उन्होने कहा कि बेटियां लव जिहाद से दूर रहें, वह सरल निशाना हैं। तलाक के बढ़ते मामले असहिष्णुता के कारण हैं। पति-पत्नी दोनों को एक-दूसरे के प्रति सहिष्णु हों, एक-दूसरे के सम्मान की रक्षा करें। जगद्गुरु ने कहा कि हिंदुत्व का वर्चस्व विश्व में धीरे-धीरे फिर बढ़ा है। जरूरी है कि आपको धर्म का ज्ञान हो।
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