गुप्त बैठकों में AIIC के मौलानाओं को बुलाता था PFI, उकसाए जाते थे मुस्लिम युवा, काफिरों को खत्म कर इस्लाम का राज स्थापित करने की कही जाती थी बात

ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी) के मौलाना (AIIC Maulana) पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) से जुड़े सदस्यों को हिंदू विरोधी कट्टरता का पाठ पढ़ा रहे थे। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, पीएफआई इन कट्टरपंथी मौलानाओं को होटलों और गुप्त स्थानों पर आयोजित होने वाली बैठकों में आमंत्रित करता था।

काफिरों को खत्म कर इस्लाम का राज स्थापित करो

ये मौलाना बैठकों में मुस्लिम युवाओं को उकसाते थे। इस्लाम खतरे में है, मौला को तुम्हारी जरूरत है, यह गैर मुस्लिम धर्म वाले (काफिर) हमारे समाज को नष्ट करने पर आमादा हैं। तुम्हें अपने मौला की कसम है इन गैर मुस्लिम काफिरों को खत्म कर इस्लाम का राज स्थापित करो। औरंगजेब की तरह बनो। इन काफिरों को बरगलाओ, मदद का आश्वासन दो, आर्थिक मदद करो, डराओ कुछ भी करो, इनका धर्म परिवर्तन कराओ। मौलाना मुस्लिम युवाओं के जेहन में गैर मुस्लिम धर्म के लिए इस तरह जिहादी जहर घोलते थे।

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लखनऊ के इंदिरानगर से गिरफ्तार पीएफआइ के प्रदेश अध्यक्ष वसीम अहमद और खदरा से पकड़े गए एसडीपीआइ ने मोहम्मद अहमद बेग के पास से मिले इलेक्ट्रानिक गैजेट्स में इसके साक्ष्य खुफिया एजेंसियों को मिले हैं। इसकी जांच पुल‍िस और खुफ‍िया एजेंसी कर रही है। इसके अलावा पांच दिन की रिमांड पर पूछताछ के दौरान मोहम्मद अहमद बेग ने भी यह जानकारी खुफिया एजेंसियों को अफसरों को दी।

लखनऊ में लाटूश रोड स्थित गेस्ट एक होटल, कैंट रोड स्थित एक इमारत में और कई अन्य स्थानों में इस तरह की यह लोग बैठकें करते थे। इन स्थानों पर बीते दिनों एनआइए और एसटीएस की टीमों ने दबिश देकर कई अहम दस्तावेज भी जब्त किए थे। अब एआइआइसी से जुड़े मौलाना और लोग खुफिया विभाग की रडार पर हैं।

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25 मुस्लिम देशों से होती थी फंडिंग

एआईआईसी से जुड़े मौलाना विदेशों में भी तकरीर पढ़ने के लिए जाते थे। वहां से यह लोग पीएफआई के लिए पैसा जुटाने का काम करते थे। पीएफआई के लिए इन मौलानाओं की मदद से भी बड़ी फंडिंग होती थी। फंडिंग जकात, सामाजिक संस्थाओं, मदरसों और स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर कराई जाते थे। इस फंडिंग से पीएफआई के सदस्य भारत में अपने नापाक मंसूबों को धार देने में लगे थे और इसे मुस्लिम राष्ट्र बनाने का सपना देख रहे थे।

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