एअर इंडिया प्लेन क्रैश की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा: को-पायलट के हाथ में था कंट्रोल, उड़ान भरते ही बंद हो गई फ्यूल सप्लाई

अहमदाबाद से लंदन जा रहे एअर इंडिया के विमान AI171 हादसे (Air India Plane Crash) की जांच निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की शुरुआती रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 12 जून को उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद विमान का संतुलन बिगड़ गया और वह एक इमारत से टकरा गया। हादसे में 260 लोगों की मौत हुई, जिनमें 242 यात्री और 18 क्रू सदस्य शामिल थे। केवल एक यात्री को जीवित बचाया जा सका।

को-पायलट के पास था विमान का कंट्रोल

रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान के समय विमान का नियंत्रण को-पायलट क्लाइव कुंदर के हाथों में था, जबकि कैप्टन सुमीत सभरवाल मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी निभा रहे थे। उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद ही विमान के दोनों इंजनों की फ्यूल सप्लाई अचानक बंद हो गई। यह तकनीकी गड़बड़ी नहीं बल्कि असामान्य स्थिति मानी जा रही है, जिसकी जांच जारी है।

Also Read: रील, वीडियो या कमाई? राधिका यादव मर्डर केस की तीन थ्योरी, तीनों पर उठ रहे सवाल

कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से चौंकाने वाली बातचीत

AAIB की रिपोर्ट में बताया गया है कि जैसे ही विमान ने दोपहर 1:38 बजे उड़ान भरी, महज 26 सेकंड बाद कॉकपिट में दोनों पायलटों के बीच संवाद रिकॉर्ड हुआ। इसमें एक पायलट ने पूछा, ‘आपने फ्यूल क्यों बंद किया?’ जवाब मिला, ‘मैंने बंद नहीं किया।’ इसके बाद तुरंत ‘MAYDAY… MAYDAY… MAYDAY’ का कॉल किया गया और विमान मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से जा टकराया।

कैप्टन और को-पायलट दोनों थे अनुभवी

कैप्टन सुमीत सभरवाल (56) एअर इंडिया के सीनियर ट्रेनिंग पायलट थे। उनके पास कुल 15,638 घंटे का उड़ान अनुभव था, जिसमें से 8,596 घंटे उन्होंने Boeing 787 पर उड़ान भरते हुए बिताए थे। वहीं को‑पायलट क्लाइव कुंदर (32) ने 2017 में एयर इंडिया जॉइन किया था और ड्रीमलाइनर पर 1,100 घंटे से अधिक का अनुभव हासिल किया था। कुल मिलाकर उनके पास 3,403 घंटे की उड़ान का अनुभव था।

Also Read: मास्टरमाइंड ‘झांगुर बाबा’ का बड़ा खुलासा, इस्लाम स्वीकार करने पर लड़कियों को मिलते थे 16 लाख रुपये 

फ्यूल सप्लाई बंद होने की वजह अब तक अनजान

रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान भरने के कुछ ही पलों बाद इंजन-1 और इंजन-2 के फ्यूल कंट्रोल स्विच अपने आप ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ मोड में चले गए, जिससे दोनों इंजन बंद हो गए। इसके कारण विमान की गति कम होती गई और कुछ ही पलों में वह नियंत्रण खो बैठा। हालांकि, फ्यूल टैंकों और फ्यूल बाउजर से लिए गए सैंपल की जांच में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई।

जांच अभी जारी, कोई तकनीकी दोष साबित नहीं

AAIB ने बताया कि दोनों इंजनों को मलबे से निकालकर एयरपोर्ट के सुरक्षित हैंगर में रखा गया है। हादसे की जगह की ड्रोन से फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की गई है। रिपोर्ट में अब तक किसी साजिश या तकनीकी खामी की पुष्टि नहीं हुई है। न ही बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर या GE GEnx-1B इंजन के ऑपरेटर पर किसी कार्रवाई की सिफारिश की गई है। अंतिम रिपोर्ट आने में अभी कुछ सप्ताह और लग सकते हैं।

देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं.