‘अखिलेश दुबे मेरा कानूनी सलाहकार था, मुझे फंसाया जा रहा…’, सस्पेंशन के बाद DSP ऋषिकांत शुक्ला का पहला बयान आया सामने

कानपुर (Kanpur) के अखिलेश दुबे (Akhilesh Dubey) से संबंधों को लेकर सुर्खियों में आए मैनपुरी (Mainpuri) के भोगांव में तैनात डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला (DSP Rishikant Shukla) ने सस्पेंड होने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से बयान दिया है। बुधवार को जारी एक वीडियो में उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार और साजिश बताया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने कानपुर के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार को गुमराह किया, जिसके चलते उनके खिलाफ गलत रिपोर्ट भेजी गई। शुक्ला का कहना है कि अगर उन्हें सफाई देने का मौका मिला होता, तो वे सबूतों के साथ अपनी बेगुनाही साबित कर देते।

अखिलेश दुबे से सिर्फ पेशेवर रिश्ता: अखिलेश दुबे

डीएसपी शुक्ला ने कहा कि अखिलेश दुबे से उनका रिश्ता केवल पेशेवर था। वे कानूनी मामलों में सलाह लेने के लिए ही उनसे संपर्क करते थे। उन्होंने कहा कि इस संबंध को अब साजिशन गलत रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। शुक्ला के मुताबिक, उनका दुबे से कोई निजी या कारोबारी रिश्ता नहीं था।

तीन नवंबर को हुआ था सस्पेंशन, विजिलेंस जांच जारी

शासन ने 3 नवंबर को ऋषिकांत शुक्ला को सस्पेंड कर दिया था। उन पर आय से अधिक संपत्ति और माफिया से संबंधों के गंभीर आरोप हैं। उनके खिलाफ विजिलेंस जांच चल रही है। कानपुर पुलिस की एसआईटी ने दावा किया है कि शुक्ला के पास 100 करोड़ रुपए से अधिक की बेनामी संपत्ति है।

बेटे के नाम कंपनियों के आरोपों को DSP बताया झूठा

डीएसपी ने अपने बेटे के नाम पर 33 कंपनियां और 92 करोड़ रुपए की संपत्ति होने के दावों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि उनके बेटे के नाम पर कोई कंपनी नहीं है। आर्यनगर में उनके दोस्त देवेंद्र द्विवेदी के नाम जो संपत्ति बताई जा रही है, वह भी गलत है। खुद देवेंद्र को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। शुक्ला ने कहा कि उनके खिलाफ झूठी अफवाहें फैलाकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है।

‘जिन अपराधियों पर कार्रवाई की, वही अब साजिश रच रहे’

ऋषिकांत शुक्ला ने आरोप लगाया कि जिन अपराधियों और माफिया गिरोहों के खिलाफ उन्होंने कार्रवाई की थी, वही अब उनके खिलाफ झूठ फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने बीटू गैंग को खत्म किया था, जिसने एसटीएफ के धर्मेंद्र सिंह की हत्या की थी। इसके अलावा उन्होंने मुन्ना बजरंगी गैंग के शूटरों का एनकाउंटर किया और मादक पदार्थ तस्करों को जेल भेजा। यही लोग अब उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं।

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शासन पर भरोसा, जांच में देंगे सबूत

शुक्ला ने कहा कि उन्हें अपने वरिष्ठ अधिकारियों, जांच एजेंसियों और शासन पर पूरा भरोसा है। उन्होंने बताया कि उन्हें एसआईटी से अब तक कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली है, लेकिन जब भी बुलाया जाएगा, वे जांच में सहयोग करेंगे और अपने पक्ष में सबूत पेश करेंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मनोहर शुक्ला, जो माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला का रिश्तेदार और मुखबिर है, वही उनके खिलाफ झूठी कहानियां फैला रहा है।

एसआईटी रिपोर्ट में 92 करोड़ की संपत्ति का दावा

एसआईटी की रिपोर्ट के अनुसार, डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला के नाम पर कुल 12 संपत्तियां पाई गईं हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 92 करोड़ रुपए है। इसके अलावा तीन संपत्तियों के दस्तावेज नहीं मिले, लेकिन वे शुक्ला के पैन नंबर से जुड़ी बताई गई हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शुक्ला 1998 से 2009 तक कानपुर में तैनात रहे और इसी दौरान उनकी अखिलेश दुबे और उनके गिरोह से नजदीकी बताई गई है। दुबे गैंग पर फर्जी मुकदमे दर्ज कराने, जबरन वसूली और जमीन कब्जाने के आरोप हैं।

कानपुर और उन्नाव में करोड़ों की संपत्तियों का खुलासा

एसआईटी जांच में मैनावती रोड पर 10 करोड़ के होटल/गेस्ट हाउस, श्रीराम नगरी सोसाइटी में 22 प्लॉट, गंगा बैराज के पास 6 बीघा जमीन, सन्नी सरांय में 3 बीघा जमीन, परियर उन्नाव में दो फार्म हाउस, और गंगा बैराज बाईपास पर कई अन्य संपत्तियों की जानकारी सामने आई है। आर्यनगर रेडियंस टावर में भी शुक्ला के नाम कई दुकानें होने की बात रिपोर्ट में कही गई है।

अखिलेश दुबे के साथ कंपनी बनाने के आरोप

एसआईटी के सूत्रों के अनुसार, डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला, सीओ संतोष सिंह और विकास पांडेय ने अखिलेश दुबे के साथ मिलकर एक कंस्ट्रक्शन कंपनी बनाई थी। इस कंपनी में शुक्ला की पत्नी प्रभा शुक्ला, संतोष का रिश्तेदार अशोक कुमार सिंह, और पांडेय का भाई प्रदीप पांडेय शामिल थे। कंपनी में अखिलेश दुबे का बेटा अखिल और भतीजा सात्विक भी पार्टनर बताए गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन अफसरों ने अपनी काली कमाई को वैध दिखाने के लिए इस कंपनी का सहारा लिया और कानपुर में तैनाती के दौरान दुबे के संरक्षण में कई गैरकानूनी कार्य किए।

एसआईटी ने सभी अफसरों को पूछताछ के लिए बुलाया

एसआईटी ने इस मामले में शामिल सभी अधिकारियों को पूछताछ के लिए तलब किया है। जांच एजेंसी अब उनके वित्तीय लेनदेन और संपत्तियों से जुड़ी जानकारियों की गहराई से जांच कर रही है। उधर, डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला ने कहा है कि वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे और अपने ऊपर लगे हर आरोप को सबूतों के साथ गलत साबित करेंगे।

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