दंगे देश की अखंडता के लिए खतरा हैं. ये देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनोती हैं. बावजूद इसके समाजवादी पार्टी दंगों की आंच पर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकती रही है. यह बातें भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना (Suresh Khanna) ने एक बयान जारी कर कहीं.
सुरेश खन्ना ने कहा कि सपा के पिछले शासनकाल (2012 से 2017) के दौरान हुए करीब 1500 दंगे इसके सबूत हैं. मुजफ्फरनगर के कैराना में हुए दंगे राज्य प्रायोजित दंगे के सबसे वीभत्सव स्वरूप हैं. हद तो यह रही कि जब दंगों की आग में कैराना धू-धू कर जल रहा था. लोग अपनी बहू-बेटियों की इज्जत बचाने के लिए अपने घरों से पलायन कर रहे थे उस समय रोम के विलासी शासक की तरह सैफई महोत्सव में आनंद लूट रहे थे.
खन्ना ने कहा कि जनता अब दंगों के इस दौर की कतई पुनरावृत्ति नहीं होने देगी. उसने देखा है कि किस तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने अपने कार्यकाल में एक भी दंगा नहीं होने दिया. योगीजी के उस बयान से दंगाइयों के हौसले पस्त हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि दंगा करने और कराने वालों की पुश्तों को इसके लिए भुगतना पड़ेगा. उन्होंने कहा सच तो यह है कि जनता पिछली सपा सरकार द्वारा प्रायोजित सांप्रदायिक माहौल का दंश भूल नहीं पा रही है.
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