उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने गुरुवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के अध्यक्ष व चाचा शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच करीब 45 मिनट तक बातचीत हुई। सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात में गठबंधन को लेकर चर्चा हुई।
अखिलेश यादव और शिवपाल की यह मुलाकात एक लंबे वक्त के बाद हुई है। सपा चीफ कुछ नेताओं के साथ लखनऊ के गौतमपल्ली इलाके में स्थित शिवपाल सिं यादव के आवास पहुंचे। इस दौरान अखिलेश ने शिवपाल के पैर छुए तो भावुक हुए चाचा ने उन्हें लगे लगा लिया। अखिलेश यादव ने पूरे परिवार से मुलाकात की। हालांकि, यह एक पारिवारिक मुलाकात रही, लेकिन इसके सियासी मायने जरूर खोजे जा रहे हैं।
प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाक़ात हुई और गठबंधन की बात तय हुई।
क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है। #बाइस_में_बाइसिकल pic.twitter.com/x3k5wWX09A
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 16, 2021
यह मुलाकात इसलिए भी काफी अहम मानी जा रही है क्योंकि शिवपाल पिछले 2 दिनों से प्रसपा के नेताओं के साथ बैठक कर जनवरी में फिर से रथयात्रा निकालने का प्लान बना रहे थे। इसके साथ ही अपने लोगों को चुनाव लड़ने के लिए तैयार कर रहे थे। कहा जा रहा है कि इसकी भनकर लगते ही अखिलेश यादव खुद चाचा शिवापल के घर पहुंच गए।
शिवपाल सिंह यादव मुलायम सिंह के छोटे भाई हैं। पूर्व में अखिलेश यादव की सरकार में सबसे कद्दावर मंत्री के रूप में शिवपाल काम करते रहे हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान शिवपाल और अखिलेश यादव के बीच दूरियां पनप गई थीं। शिवपाल ने इसके बाद अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन कर लिया था।
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शिवपाल सिंह यादव मुलायम सिंह के छोटे भाई हैं। पूर्व में अखिलेश यादव की सरकार में सबसे कद्दावर मंत्री के रूप में शिवपाल काम करते रहे हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान शिवपाल और अखिलेश यादव के बीच दूरियां पनप गई थीं। शिवपाल ने इसके बाद 2018 में अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन कर लिया था।
इसके बाद शिवपाल यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी से प्रत्याशी भी उतारे थे, जिसकी वजह से सपा को कई सीटों पर नुकसान भी उठाना पड़ा था। अब अखिलेश यादव सत्ता में वापसी के लिए हर संभव प्रयास करने में जुट गए हैं। बीते दिनों चाचा शिवपाल के प्रति अखिलेश के बयानों में नरमी भी देखने को मिली।
उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंच से भी कहा कि चाचा का पूरा सम्मान होगा, राजनीतिक लड़ाई में चाचा हमारे साथ होंगे। वहीं, शिवपाल भी सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि अगर सम्मान होगा तो उन्हें सपा के साथ आने में कोई गुरेज नहीं है।
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