शरजील इमाम को रिमांड पर लेने की तैयारी, UP Police ने शुरू की कागजी कार्रवाई

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में CAA NRC के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोपी JNU छात्र शरजील इमाम को जल्द ही अलीगढ़ पुलिस रिमांड पर लेगी। कुछ समय पहले ही पुलिस ने इस प्रक्रिया की अनुमति मांगी थी लेकिन लॉकडाउन के चलते इस पर रोक लग गई थी। फिलहाल अब गुवाहाटी जेल में बंद शरजील को लाने के लिए पुलिस कागजी प्रक्रिया पूरी करने में जुटी है।


वारंट बनाना शुरू

जानकारी के मुताबिक, CAA प्रोटेस्ट के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 16 जनवरी को जेएनयू छात्र शरजील इमाम ने भड़काऊ भाषण दिया था। इसके बाद दो महीने बड़े पैमाने पर आगजनी, पथराव और पुलिस पर गोलीबारी हुई। इसके खिलाफ अलीगढ़ के सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज है।


बड़े दिनों तक फरार रहे शरजील इमाम को दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था। गुवाहाटी पुलिस उसको तिहाड़ जेल से लेकर अपने यहां के मुकदमों में पेश करने में सफल रही। इसके बाद से ही उसको गुवाहाटी सेंट्रल जेल में रखा गया है।


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लॉकडाउन से पहले ही अलीगढ़ पुलिस ने इसकी रिमांड मांगी थी लेकिन नियमों के चलते इस पर रोक लग गई। अब लॉक डाउन खुलते ही अलीगढ़ पुलिस ने उसके लिए रिमाइंड वारंट बनाना शुरू किया है। जिसको सीधे गुवाहटी सेंट्रल जेल में भेजा जाएगा। वहां से अलीगढ़ पुलिस शरजील को अपने यहां के मुकदमों में पेश करने के लिए लेकर आएगी।


दिया था ये बयान

बता दें कि अभी हाल में शरजील इमाम (Sharjeel Imam) का एक विवादित वीडियो काफी वायरल हुआ था जिस पर पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार किया। वीडियो में शरजील इमाम मंच पर चढ़कर देश तोड़ने की बात कर रहा है। असम को हिंदुस्तान से काटने की बात कर रहा है। उसने कहा था कि मुसलमानों को अपनी ताकत दिखाते हुए कम से कम एक महीने तक असम का संपर्क भारत से काट देना चाहिए। इसके लिए रेलवे ट्रैक पर इतना मलबा डाल देना चाहिए कि उसे साफ करते-करते कम से कम एक महीने का समय लग जाए।


इस बयान के बाद कई जगह दंगों की स्तिथि पैदा हो गई थी। बयान का वीडियो वायरल होने के बाद ’31 जनवरी 2020 को, एएमयू के छात्रों सहित 500 से अधिक व्यक्तियों ने इकट्ठा होकर सीएए प्रदर्शन के लिए भयावह स्थिति पैदा कर दी। 23 फरवरी को, 500-600 से अधिक अज्ञात व्यक्तियों ने पथराव किया। मंदिरों में दान पेटी लूटने के बाद वहां के पुजारियों के साथ हाथापाई की गई, जिससे तनाव और बढ़ गया। विवाद यही नहीं थमा, इसके बाद 23 फरवरी 2020 को फिर से, एक पूर्व-योजनाबद्ध तरीके से एक हजार से अधिक व्यक्तियों ने कोतवाली उपकोट में जबरन प्रवेश किया और अवैध हथियारों से गोलीबारी करके दंगे की स्थिति पैदा कर दी। इन्हीं सबके चलते यूपी सरकार ने शरजील इमाम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे।


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