अलीगढ़ में हिंदुओं के पलायन पर बीजेपी नेता बोले- समान नागरिक संहिता और जनसंख्या नियंत्रण कानून जल्द लागू नहीं किए तो 2047 में न संविधान बचेगा और न ही सेक्युलरिज्म

अलीगढ़ (Aligarh) के नूरपुर गांव में 100 दलित परिवारों के पलायन का मामला अब तूल पकड़ रहा है. बीजेपी नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि जल्द ही देश में समान नागरिक संहिता और जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू नहीं किया गया तो 2047 में न तो संविधान बचेगा और न ही सेक्युलरिज्म बचेगा.


अश्विनी उपाध्याय ने मंगलवार को ट्विटर पर ‘ब्रेकिंग ट्यूब’ की खबर के रिप्लाई में लिखा, “समान शिक्षा, समान नागरिक संहिता तत्काल लागू नहीं किया गया तथा घुसपैठ नियंत्रण, धर्मांतरण नियंत्रण, जनसंख्या नियंत्रण कानून तुरंत नहीं बनाया गया तो 2047 में न सबका साथ न सबका विकास, न संविधान बचेगा, न सेकुलरिज्म बचेगा, न भारत बचेगा न भारतीय संस्कृति बचेगी, न सर्वधर्म समभाव बचेगा और न ही वसुधैव कुटुंबकम बचेगा”.



बता दें कि टप्पल थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव नूरपुर में दलित समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम संप्रदाय के लोग उन्हें प्रताड़ित करते हैं. यहां तक कि गांव में उनकी बारात नहीं चढ़ने दी जाती. जिसके चलते करीब 100 परिवार यहां से पलायन कर रहे हैं. दलितों ने अपने घरों के बाहर ‘यह मकान बिकाऊ है’ लिख रखा है. मामला सुर्खियों में तब आया जब बीती 26 मई को गांव के निवासी अनुसूचित जाति के ओमप्रकाश की दो बेटियों की बरात को चढ़ने से रोका गया. वहीं इसी दौरान संप्रदाय विशेष की भीड़ ने बारातियों पर लाठी, डंडों और रॉड से हमला बोल दिया, जिससे गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं, और दो बाराती गंभीर रूप से घायल हो गए.



रविवार को यह मामला सोशल मीडिया पर जब उठा तो पुलिस ने वकील, कलुआ, मुस्तकीम, सरफू, अंसार, सोहिल, फारुख, अमजद, तौफीक, सहजोर और लहरू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया. ग्रामीणों के मुताबिक मुस्लिम समुदाय के लोग गांव में धर्मांतरण के लिए दबाव बनाते हैं और साथ ही प्रलोभन भी देते. जिसके चलते आज उनकी जनसंख्या हिंदुओं से 8 गुनी हो गई है. छोटे से गांव में तीन मस्जिदें और एक बड़ा मदरसा है जो कि हाल ही में बना है.



पीड़ितों के मुताबिक आज गांव में 800 से अधिक मुस्लिम परिवार हैं तो वहीं हिंदू परिवारों की संख्या करीब 100 बताई जा रही है. आबादी अधिक होने की वजह से ये लोग इलाके में अपनी मनमानी करने लग गए हैं. उनका कहना है कि मुसलमानों के अत्याचारों से परेशान होकर अपने घरो के दरवाजों पर ‘मकान बिकाऊ है’ लिख रखा है, ताकि खरीददार मिल जाए और हम किसी सुरक्षित जगह पर घर बसा सकें.


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