कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणा पत्र में जिस न्याय योजना का वादा किया है, वह उसके लिए गले की फांस बनती नजर आ रही है। दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कांग्रेस पार्टी को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में कोर्ट ने कांग्रेस से पूछा है कि क्यों न इस वादे को गरीबों को रिश्वत देने जैसा माना जाए?
2 हफ्ते के भीतर कांग्रेस को देना होगा जवाब
जानकारी के मुताबिक, यह जनहित याचिका हाईकोर्ट के वकील मोहित कुमार ने दायर की थी, जिसपर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस गोविंद माथर और जस्टिस एसएम शमशेरी की डिवीजन बेंच ने कहा कि इस तरह की घोषणा मतदाताओं को रिश्वत देने की श्रेणी में क्यों नहीं? बेंच ने पूछा कि क्यों न पार्टी के खिलाफ पाबंदी या दूसरी कोई कार्रवाई की जाए?
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कोर्ट ने इस मामले में चुनाव आयोग से भी जवाब तलब किया है। कोर्ट ने कांग्रेस पार्टी और चुनाव आयोग को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 2 सप्ताह का समय दिया है। कोर्ट ने माना है कि इस तरह की घोषणा रिश्वतखोरी और वोटरों को प्रभावित करने की कोशिश है।
ये है राहुल गांधी की ‘न्याय’ स्कीम
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने वादा किया है कि वो न्यूनतम आय सहायता योजना (न्याय) लागू करेंगे। इसके तहतदेश के 5 करोड़ परिवार या 25 करोड़ लोगों को सालाना 72 हजार रुपए दिए जाने का वादा किया गया है। उनका दावा है कि ये योजना देश की 20 फीसदी जनता के लिए है। कांग्रेस के मुताबिक, अगर वो सत्ता में आई तो ये रकम गरीबों के बैंक अकाउंट में डाली जाएगी।
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जानकारी के मुताबिक, ये रकम 12 हजार रुपए महीने तक की आय वाले गरीब परिवारों को मिलेगी। हर महीने 6 हजार रुपए की रकम बैंक अकाउंट में डाली जाएगी। इसको न्यूनतम आय गारंटी और गरीबी हटाने वाली योजना कहा जा रहा है। अगर आप ये सोच रहे हैं कि कांग्रेस के सत्ता में आते ही गरीबों के खाते में 72 हजार रुपए आ जाएंगे तो ऐसा बिल्कुल नहीं है।
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पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि ये न्याय स्कीम एक साथ लागू नहीं की जाएगी। इसे चरणों में लागू किया जाएगा। गरीबों को इसके दायरे में धीरे-धीरे लाया जाएगा। इसका अर्थ है कांग्रेस के सत्ता में आते ही सभी के लिए तुरंत ये स्कीम लागू नहीं हो सकेगी। कांग्रेस अध्यक्ष सहित पार्टी के तमाम नेता अपने चुनाव प्रचार के दौरान इसका जमकर प्रसार कर रहे हैं। कांग्रेस का मानना है कि यह स्कीम लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए गेम चेंजर की भूमिका निभा सकती है।
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