सपा के बाहुबली विधायक रमाकांत यादव की बढ़ीं मुश्किलें, जहरीली शराब से मौत मामले में हाईकोर्ट का जमानत से इंकार

समाजवादी पार्टी के बाहुबली नेता व आजमगढ़ के फूलपुर पवई से विधायक रमाकांत यादव (SP MLA Ramakant Yadav) को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से बड़ा झटका लगा है. जहरीली शराब से हुई मौत मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा के बाहुबली विधायक रमाकांत यादव को जमानत देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि अपराध बेहद गंभीर प्रवृति का है. ऐसे में याची को जमानत नहीं दिया जा सकता है. हालांकि कोर्ट ने निचली अदालत को मामले का ट्रायल 6 महीने में पूरा करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर 6 महीने के भीतर ट्रायल पूरा नहीं होता है तो याची की तरफ से हाईकोर्ट का रुख किया जा सकता है.

जानें पूरा मामला

बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरन 21 फरवरी 2022 को अहरौला थाना क्षेत्र के माहुल नगर पंचायत में बाहुबली विधायक रमाकांत यादव के भांजे रंगेश यादव के सरकारी देशी शराब के ठेके पर जहरीली शराब बेची गई थी. जिसके सेवन के बाद मौत का सिलसिला शुरू हो गया था. इस जहरीली शराब कांड में 12 से अधिक लोगों की मौत हो गई तो कईयों के आंख की रोशनी चली गई थी. वहीं, दर्जनों को कई अन्य तरह की परेशानियां झेलनी पड़ी थीं.

घटना के अगले ही दिन माहुल से कुछ ही दूरी पर तीन आलीशान मकानों में दवा लाइसेंस के नाम पर संचालित हो रहे अवैध शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़ पुलिस द्वारा किया गया था. जहां से भारी मात्रा में जहरीली शराब बरामद हुई थी. इस मामले में पुलिस ने अहरौला थाने में रंगेश यादव सहित 13 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए रंगेश यादव व दो सगे भाईयों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी.

फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में बंद सपा के बाहुबली विधायक रमाकांत यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर जमानत की गुहार लगाई थी. रमाकांत यादव की तरफ से कहा गया कि वह राजनीतिक व्यक्ति हैं, चार बार के सांसद और पांच बार के विधायक रहे हैं.  कुछ समय पहले तक वह भारतीय जनता पार्टी में थे, लेकिन विधानसभा चुनाव के पहले उन्होंने समाजवादी पार्टी जॉइन कर लिया. मौजूदा समय में वह आजमगढ़ के फूलपुर पवई से सपा के विधायक हैं, इसी के चलते उनसे राजनीतिक रंजिश रखने वाले लोगों ने उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाया है. जहरीली शराब से हुई मौत मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है.

हालांकि कोर्ट में मौजूद सरकारी वकील ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि याची का लंबा आपराधिक इतिहास है. मौजूदा मामला बेहद गंभीर प्रवृति का है. जहरीली शराब से कई लोगों की जान गई है. आरोपी के खिलाफ चार्जशीट में जो साक्ष्य दिए गए हैं वह बेहद गंभीर हैं. ऐसे में जमानत पर रिहा करना न्यायोचित नहीं होगा. कोर्ट ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद याची को जमानत देने से इनकार कर दिया है.

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