इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने एक महिला को शादी का झूठा वादा कर उसके साथ रेप करने और फिर जबरन धर्म परिवर्तन (Conversion) कराने के आरोप में एक व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया है। गोरखपुर (Gorakhpur) के नगर निगम के टैक्स इंस्पेक्टर फरहान अहमद (Farhan Ahmed) उर्फ सानू की जमानत अर्जी खारिज करते हुए न्यायमूर्ति ओम प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि आरोपी के खिलाफ आरोप गंभीर है और इसलिए उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता है।
आरोपी फरहान अहमद उर्फ सानू के खिलाफ गोरखपुर के रामगढ़ ताल थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने शादी का झूठा वादा कर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। आरोपी ने बाद में उस पर इस्लाम कबूल करने का दबाव बनाया और धमकी दी कि जब तक मैं धर्मांतरण नहीं करती तब तक वह मुझसे शादी नहीं करेगा।
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हालांकि, सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने तर्क दिया कि आरोपी को झूठा फंसाया गया था और यह सहमति से संबंध का मामला था क्योंकि आरोपी और पीड़ित दोनों वयस्क थे। उन्होंने आगे तर्क दिया कि मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता के शरीर पर कोई बाहरी या आंतरिक चोट नहीं पाई गई और डॉक्टर ने रेप के बारे में कोई राय नहीं दी।
इसके अलावा, आरोपी ने यह भी कहा कि उसने किसी भी समय पीड़ित को इस्लाम में परिवर्तित होने के लिए मजबूर नहीं किया था और अभियोजन की पूरी कहानी झूठी और नकली है। हालांकि, सरकारी वकील ने कहा कि शादी के झूठे वादे के बहाने पीड़िता के साथ यौन संबंध बनाना रेप के अपराध के समान है। हाईकोर्ट ने तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया।
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